रविवार, 22 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. नन्ही दुनिया
  3. कविता
  4. Childrens Poem on 15th August
Last Updated : सोमवार, 12 अगस्त 2024 (12:06 IST)

15 अगस्त, स्व‍तंत्रता दिवस पर कविता : इसी देश में

Independence Day Poem : 15 अगस्त, स्व‍तंत्रता दिवस पर कविता : इसी देश में - Childrens Poem on 15th August
इसी देश में कृष्ण हुए हैं,
इसी देश में राम।
सबसे पहिले जाना जग ने,
इसी देश का नाम।
 
इसी देश में भीष्म सरीखे,
दृढ़ प्रतिज्ञ भी आए।
इसी देश में भागीरथजी,
भू पर‌ गंगा लाए।
 
इसी देश में हुए कर्ण से,
धीर-वीर धन‌ दानी।
इसी देश में हुए विदुर से,
वेद व्यास से ज्ञानी।
 
सत्य अहिंसा प्रेम सिखाना,
इसी देश का काम।
इसी देश में वीर शिवाजी,
सा चरित्र भी आया।
 
छत्रसाल जैसा योद्धा भी,
भारत ने उपजाया।
संरक्षण सम्मान सहित है,
शरणागत को देता।
 
जिसकी रक्षा में यह भारत,
लगा जान तक‌ देता।
इसी देश में मात-पिता हैं,
होते तीरथ धाम।
 
इसी देश में हर बेटी है,
दुर्गा की अवतारी।
सावित्री सीता की प्रतिमा,
भारत की हर नारी।
 
वचन दिया तो उसे निभाने,
सिर भी कटवा देते।
भरत भूमि के वीर पुत्र हैं,
इस धरती के बेटे।
 
यहां भुगतना पड़ा दुष्ट को,
पापों का परिणाम।
 
इसी देश में कौशल्या सी,
माताएं जनमी हैं।
मातु यशोदा देवकी मां की,
यही कर्म भूमि है।
 
ध्रुव प्रह्लाद सी दृढ़ प्रतिग्य,
भारत मां की संताने।
महावीर गौतम गांधी भी,
जन्मे भारत मां ने।
 
मनुज धर्म की रक्षा के हित,
हुए घोर संग्राम।
दया धर्म ईमान सचाई,
हमने कभी ना छोड़ी।
 
प्रेम अहिंसा पर सेवा की,
डोर हमेशा जोड़ी।
किसी पीठ पर धोखे से भी,
वार किया ना हमने।
 
सदा सामने खड़े हुए हम,
युद्ध भूमि में लड़ने।
भले हानियां लाख उठाईं,
सहे दुखद अंजाम।

(यहां पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)
ये भी पढ़ें
Hypnic Jerk: क्या आपको भी आते हैं नींद में झटके? हो सकते हैं ये 6 कारण, जानें कुछ बचाव