• Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. नन्ही दुनिया
  3. कविता
  4. Bharat Short poem
Written By

हिन्दी कविता : हिन्दोस्तां हमारा...

हिन्दी कविता : हिन्दोस्तां हमारा... - Bharat Short poem
उमाशंकर 'मनमौजी' 
सुनाता एक किस्सा सुनो मेरे नगर में,
तालाब में था रहता मेंढक एक प्यारा।
दोस्ती उसकी हो गई इक बगुले से वहीं,
बगुला नित आता खाने को मछली-चारा।।
 
बगुले से मेंढक ने एक दिन सुबह बोला,
'कुएं का मेंढक' कह सब देते मुझे ताना।
दुनिया चलो घुमाओ बिठा लो पीठ अपनी,
धरती का ओर-छोर मुझे उड़कर दिखाना।। 
 
बगुले ने कहा किंतु उछलते हो तुम बहुत,
खुशी के मारे नहीं तुम पीठ से उछलना।
मेंढक को लिए आसमान उड़ चला बगुला,
घूम रहे देश-विदेश वाह-वाह क्या कहना।।
 
बगुला पूछा मेंढक अब तुमको ऊपर से,
कैसा लग रहा है इस धरती का नजारा?
'मनमौजी' तभी मेंढक यूं बगुले से बोला-
'सारे जहां से अच्‍छा, हिन्दोस्तां हमारा।' 
 
साभार - देवपुत्र 
ये भी पढ़ें
लघु कहानी : भारत महान है...