फनी बाल कविता : चींटी बोली
चींटी बोली चलो कहीं से,चना खरीदें भाई।अब तो सहन नहीं होता है,भूख मुझे लग आई।चींटा बोला शक्कर-गुड़ की,गंध मुझे है आती।इतना मीठा माल रखा,तू खाने क्यों न जाती। बोली चींटी अरे भाईजी,गुड़ से डर है लगता।जो भी उसके गया पास तो,जाकर वहीं चिपकता।