1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. करवा चौथ
  4. what is the history of Karva chauth
Written By WD Feature Desk
Last Modified: बुधवार, 8 अक्टूबर 2025 (15:33 IST)

History of Karva chauth: करवा चौथ का इतिहास क्या है?

karwa chauth
Karwa chauth ka itihas in hindi: उत्तर भारत में सुहागन महिलाएं अपने पति की सेहत और लंबी उम्र की कामना से करवा चौथ का निर्जला व्रत रखती हैं। रात में चांद निकलने के बाद व्रत खोलती हैं। पौराणिक कथाओं में एक जोर जहां माता पार्वती अपने पति शिवजी को पाने के लिए तप और व्रत करती है और उसमें सफल हो जाती हैं तो दूसरी ओर करवा नाम की एक शिव भक्त महिला अपनी भक्ति से अपने मृत पति को जीवित कर देती है। हालांकि यह व्रत रामायण और महाभारत काल से ही रखा जा रहा है फिर भी इसका इतिहास अज्ञात माना जाता है। 
 
करवा चौथ का इतिहास: करवा चौथ की परंपरा देवताओं के समय से चली आ रही है। पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार देवताओं और दानवों में युद्ध शुरू हो गया और उस युद्ध में देवताओं की हार होने लगी। भयभीत देवता ब्रह्मदेव के पास गए और उनसे रक्षा की प्रार्थना की। ब्रह्मदेव ने कहा कि इस संकट से बचने के लिए सभी देवताओं की पत्नियों को अपने-अपने पतियों के लिए व्रत रखना चाहिए और सच्चे दिल से उनके विजय की कामना करनी चाहिए।
 
ब्रह्मदेव ने यह वचन दिया कि ऐसा करने पर इस युद्ध में देवताओं की जीत निश्चित हो जाएगी। ब्रह्मदेव के इस सुझाव को सभी ने स्वीकार किया। ब्रह्मदेव के कहे अनुसार कार्तिक माह की चतुर्थी के दिन सभी देवताओं की पत्नियों ने व्रत रखा और अपने पतियों की विजय के लिए प्रार्थना की। उनकी यह प्रार्थना स्वीकार हुई और युद्ध में देवताओं की जीत हुई।
 
इस खुशखबरी को सुन कर सभी देव पत्नियों ने अपना व्रत खोला और खाना खाया। उस समय आकाश में चांद भी निकल आया था। माना जाता है कि इसी दिन से करवा चौथ के व्रत के परंपरा शुरू हुई।
ये भी पढ़ें
Karwa Chauth Upay 2025: करवा चौथ पर बन रहे शुभ संयोग में करें ये 8 ज्योतिषीय उपाय, पूरी होगी हर मनोकामना