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  4. What is Sargi and Karwa of Karva Chauth
Written By WD Feature Desk
Last Modified: सोमवार, 6 अक्टूबर 2025 (16:17 IST)

Karwa chauth 2025 date: करवा चौथ की सरगी और करवा क्या होता है?

karwa chauth 2025 kab hai date and time
karwa chauth 2025 date: करवा चौथ का व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दौरान किया जाता है। इसे करक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। इस पर यह पर्व 10 अक्टूबर 2025 शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखकर रात में चांद निकलने के बाद चंद्र दर्शन करके ही व्रत खोलती हैं। इस व्रत में क्या होती है सरगी और करवा यह जानते हैं। 
 
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ: 09 अक्टूबर 2025, रात्रि 10:54 बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त: 10 अक्टूबर 2025, शाम 07:38 तक
करवा चौथ व्रत: 10 अक्टूबर 2025 (उदायातिथि अनुसार)
पूजा मुहूर्त: शाम 06:06 से 07:19 तक
व्रत समय: सुबह 06:21 से रात्रि 08:34 तक
चंद्रोदय: रात्रि 08:34 तक
करवा चौथ की सरगी क्या होती है?
  • सरगी की रस्म अक्सर पंजाब प्रांत में मनाई जाती है। 
  • कोई भी महिला जब करवा चौथ का व्रत रखती है तो उसकी सास उसे सरगी बनाकर देती है।
  • सरगी एक भोजन की थाली है जिसमें खाने की कुछ चीजें होती हैं।
  • इसको खान के बाद दिनभर निर्जला उपवास रहा जाता है और फिर रात में चांद की पूजा करने के बाद ही खाया जाता है।
  • चूंकि सरगी को खाकर व्रत की शुरुआत की जाती है इसलिए सरगी की थाली में ऐसी चीजें होती है जिसे खाने से भूख और प्यास कम लगती है और दिनभर एनर्जी बनी रहती। इसमें अक्सर सूखे मेवे और फल होते हैं।
  • सास द्वारा दी हुई सरगी से बहू अपने व्रत की शुरुआत करती है। अगर सास साथ में नहीं हैं, तो वो बहू को पैसे भिजवा सकती हैं, ताकि वो अपने लिए सारा सामान खरीद सके।
  • इस सरगी में कपड़े, सुहाग की चीज, फेनिया, फ्रूट, ड्राईफ्रूट, नारियल आदि रखे होते हैं। 
  • हालांकि उत्तर प्रदेश और बिहार में इस त्योहार को मनाने का तरीका अलग है।
क्या होता है करवा?
  1. करवा मिट्टी का एक बर्तन होता है। 
  2. काली मिट्टी में शक्कर की चासनी मिलाकर उस मिट्टी से तैयार किए गए मिट्टी की वस्तु को करवा कहते हैं।
  3. कुछ लोग तांबे के बने करवे लाते हैं। इस तरह दो करवे बनाए जाते हैं। 
  4. करवा में रक्षासूत्र बांधकर, हल्दी और आटे के सम्मिश्रण से एक स्वस्तिक बनाते हैं।
  5. एक करवे में जल तथा दूसरे करवे में दूध भरते हैं और इसमें ताम्बे या चांदी का सिक्का डालते हैं।
  6. जब बहू व्रत शुरू करती है, तो सास उसे करवा देती है, उसी तरह बहू भी सास को करवा देती है।
  7. पूजा करते समय और कथा सुनते समय दो करवे रखने होते हैं- एक वो जिससे महिलाएं अर्घ्य देती हैं यानी जिसे उनकी सास ने दिया होता है और दूसरा वो जिसमें पानी भरकर बायना देते समय उनकी सास को देती हैं।
  8. सास उस पानी को किसी पौधे में डाल देती हैं और अपने पानी वाले लोटे से चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं।
  9. मिट्टी का करवा महिलाएं इसलिए लेती हैं, क्योंकि उसे डिस्पोज किया जा सकता है। 
  10. मिट्टी का करवा न हो तो कुछ महिलाएं स्टील के लोटे का प्रयोग भी कर लेती हैं।
  11. यह भी कहा जाता है कि करवा नाम की एक पतिव्रता स्त्री के नाम पर ही करवा चौथ का नाम करवा चौथ पड़ा है।
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