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Written By Author पं. अशोक पँवार 'मयंक'

कैसा होगा 61वें गणतंत्र दिवस का सूरज

गणतंत्र दिवस पर क्या कहते हैं देश के सितारे

Republic Day of India | कैसा होगा 61वें गणतंत्र दिवस का सूरज
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गणतंत्र दिवस भारतीय गणतंत्र की स्थापना का दिन है। इस दिन यानी 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान पारित हुआ था। इस दिन भारत के राष्ट्रपति महोदय झंडा-वंदन करते हैं। 26 जनवरी के एक दिन पहले राष्ट्रपति भारत के नाम संदेश देते हैं। इसमें सरकार का देश की जनता के प्रति संदेश होता है।

हम आशा करते हैं कि भारत की जनता को महँगाई कम करने का और राष्ट्र की सुरक्षा पर भी संदेश होगा। क्या सदन में महिला आरक्षण बिल पास होगा? देखते हैं, क्या कहते है सितारे :-

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इस दिन मकर लग्न में वृषभ का चन्द्र का उदय हो रहा हैं। लग्न में अष्टमेश सूर्य, पंचमेश चन्द्र व दशमेश शुक्र भी साथ है। वहीं लग्नेश व धनेश शनि वक्री होकर नवम भाव में है। चन्द्र पंचम में उच्च का है। शुक्र स्त्री कारक ग्रह है जो मित्र राशि में है लेकिन सूर्य से अस्त है अतः इस बार भी महिला आरक्षण बिल पारित नहीं होगा।

वैसे महिलाओं को स्वप्रयत्नों से अपने उद्देश्य में कुछ सफलता भी मिलेगी। अस्त ग्रह काफी कठिनाई देता है। राजनीति के क्षेत्र में महिलाएँ प्रयत्न करें तो सफलता अवश्य मिलेगी।

अष्टम भाव आयु, दुर्घटना व गुप्त शत्रुओं का भाव भी है अतः भारत को गुप्त शत्रुओं से जन-धनहानि के योग भी बनते हैं। सप्तम भाव स्त्री व दैनिक रोजगार का भाव है उसमें मंगल सुखेश व आयेश नीच का होकर वक्री होने से जनता में सुख की कमी रहेगी। महँगाई पर राहत की गुंजाइश कम रहेगी, आर्थिक मामलों में भी उतार-चढ़ाव बना रहेगा। शेयर बाजार की स्थिति कभी तेज तो कभी नरम पूरे वर्ष भर रहेगी। इस वर्ष शेयर बाजार 19 हजार तक भी नहीं पहुँच पाएगा।

षष्ट भाव में नीच का केतु किसी बड़ी दुर्घटना से जनहानि का भी संकेत दे रहा है। भाग्य व षष्ट भाव का स्वामी बुध नीच के राहु के साथ होकर द्वादश भाव में धनु राशि में मित्र का होने से देश की प्रगति में मिले-जुले परिणाम देगा। द्वादश भाव बाहरी संबंधों का है अतः बाहरी गुप्त शत्रुओं से क्षति का संकेत भी मिल रहा है। देश की सीमा पर काफी सर्तकता बरतने की आवश्यकता है वरना छोटी-मोटी युद्ध की घटनाएँ घटित हो सक‍ती है।

इस साल भी अफजल को फाँसी की संभावना नहीं है जबकि संसद पर हमला बोलने वाले को पहले ही फाँसी दे देनी चाहिए थी। बेहद कमजोर सरकार के चलते यह संभव नहीं हो पाया। फिलहाल यही ग्रहों के संकेत हैं।