इन देवताओं से मिले थे हनुमान जी को दिव्य वरदान, जानिए किन शक्तियों से युक्त हैं महाबली
Hanuman ji ki shaktiyan in hindi: आप सभी हनुमान जी के बचपन की इस घटना से परिचित होंगे जब बाल हनुमान ने सूर्य को फल समझकर खाने की कोशिश की, तो इंद्र भगवान् ने उन पर वज्र से प्रहार किया। इससे हनुमान जी मूर्छित हो गए। इससे उनके पिता पवनदेव क्रोधित हो गए और उन्होंने हवा रोक दी। इससे पूरे ब्रह्मांड पर संकट आ गया। देवताओं की प्रार्थना के बाद ब्रह्मा जी ने हनुमान जी को दूसरा जीवन दिया। तब देवताओं ने भी उन्हें अपनी शक्तियां प्रदान कीं। इन वरदानों ने उन्हें अद्वितीय शक्तियां और क्षमताएं प्राप्त हुईं। आइये आज हम आपको बताते हैं किन देवताओं ने भगवान हनुमान को क्या वरदान और शक्तियां दीं।
हनुमान जी को मिले थे इन देवताओं से वरदान
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इंद्रदेव का वरदान: जब बाल हनुमान ने सूर्य को फल समझकर खाने की कोशिश की, तो इंद्र भगवान् ने उन पर वज्र से प्रहार किया था और इसी वार से हनुमान जी मूर्छित हो गए थे। इसीलिए इंद्रदेव ने हनुमान जी को अपने वज्र के प्रभाव से मुक्त होने का वरदान दिया था।
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सूर्यदेव का वरदान: सूर्यदेव ने हनुमान जी को अपने तेज का सौवां अंश प्रदान किया और उन्हें शास्त्रों का ज्ञान भी दिया। इस तरह सूर्य देव भगवान हनुमान के गुरु भी थे।
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यमराज का वरदान: यमराज ने हनुमान जी को मृत्यु के प्रभाव से मुक्त होने का वरदान दिया। इसीलिए भगवान हनुमान को अमरता का आशीर्वाद प्राप्त है।
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वरुण देव का वरदान: वरुण देव ने हनुमान जी को जल से न डूबने का वरदान दिया था। इस वरदान के प्रताप से लाखों वर्ष बाद जब धरती पर प्रलय आएगा, तब भी हनुमान जी पर प्रलय के जल का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और वे अमर होंगे।
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कुबेर देव का वरदान: कुबेर देव ने हनुमान जी को युद्ध में कभी पराजित न होने का वरदान दिया था।
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भगवान विश्वकर्मा का वरदान: भगवान विश्वकर्मा ने हनुमान जी को अपने द्वारा बनाए गए सभी अस्त्र-शस्त्रों से निर्भय होने का वरदान दिया।
माता सीता का वरदान:
इन वरदानों के अलावा माता सीता ने भी हनुमान जी को वरदान दिया था। यह घटना तब की है जब हनुमान जी लंका में माता सीता से मिले। श्री राम के प्रति उनकी भक्ति और समर्पण से प्रसन्न होकर माता सीता ने उन्हें अमरता का वरदान दिया। माता सीता ने हनुमान जी को आशीर्वाद दिया कि वे सदैव राम भक्तों के संकटों का निवारण करते रहेंगे।
भगवान शिव का वरदान:
हनुमान जी को भगवान शिव का अवतार माना जाता है। इसलिए, उन्हें भगवान शिव से भी विशेष वरदान प्राप्त हुए। भगवान शिव ने उन्हें अजेयता और किसी भी अस्त्र-शस्त्र से न मरने का वरदान दिया।
भगवान ब्रह्मा का वरदान:
ब्रह्मा जी ने हनुमान जी को वरदान दिया था कि उन पर ब्रह्मास्त्र का कोई असर नहीं होगा। ब्रह्मा जी ने उन्हें इच्छानुसार रूप धारण करने में समर्थ होने का भी वरदान दिया। इन दिव्य वरदानों के कारण हनुमान जी अद्वितीय शक्ति और क्षमता के स्वामी बने। वे न केवल भगवान राम के प्रिय भक्त थे, बल्कि समस्त संसार के लिए संकटमोचन भी बने।
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