गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. जम्मू-कश्मीर न्यूज़
  4. No snowfall in Kashmir for 20 days
Last Updated :जम्मू , मंगलवार, 9 जनवरी 2024 (23:50 IST)

कई सालों के बाद चिल्लेकलां के 20 दिन बिना बर्फ के बीतने पर चिंता में हैं कश्मीरी

चिल्लेकलां की अवधि 40 दिनों की

कई सालों के बाद चिल्लेकलां के 20 दिन बिना बर्फ के बीतने पर चिंता में हैं कश्मीरी - No snowfall in Kashmir for 20 days
  • चिल्लेकलां का अर्थ है प्रमुख शीत
  • 15 जनवरी तक कोई बर्फबारी होने की उम्मीद नहीं
  • पिछले 5 वर्षों में नहीं देखा ऐसा सूखा
No snowfall in Kashmir for 20 days : माना कि इस समय कश्मीर में सर्दी (winter period) की पकड़ बहुत मजबूत है और सबसे भयानक सर्दी की अवधि चिल्लेकलां (Chillekalan) जारी है। पर कई सालों के उपरांत चिल्लेकलां के पहले 20 दिन शुष्क गुजरने से कश्मीरी चिंता में हैं कि क्या उनके हिस्से की बर्फ (Ice) उन्हें मिलेगी या नहीं? हालांकि मौसम विभाग बर्फबारी की अपनी भविष्यवाणियों को बार-बार बदल रहा है जिस कारण अब उस पर भी विश्वास करना मुश्किल हो गया है।
 
न ही बारिश है और न ही बर्फ : चिल्लेकलां की अवधि 40 दिनों की होती हैं और इस दौरान सर्दी अपने पूरे शबाब पर होती है। यह इस बार भी है तो पूरे शबाब पर लेकिन शुष्क सर्दी बिना बर्फ के है। न ही बारिश है और न ही बर्फ। नतीजतन इस सूखे से निजात पाने की खातिर कश्मीरी सिर्फ अल्लाह से दुआ ही कर रहे हैं कि वह उन्हें इस सूखे से निजात दिलाए जिसने सब कुछ हिलाकर रख दिया है।

 
पिछले 5 वर्षों में नहीं देखा ऐसा सूखा : मौसम विभाग के अनुसार ऐसा सूखा मौसम पिछले 5 वर्षों में नहीं देखा गया है जबकि दिसंबर और जनवरी में बारिश का मौसम बिल्कुल भी नहीं देखा गया है। चिल्लेकलां 21 दिसंबर 2023 को शुष्क रूप से शुरू हुआ और इस अवधि के दौरान कश्मीर में कहीं भी कोई महत्वपूर्ण बर्फबारी नहीं हुई। सबसे कठोर सर्दियों की अवधि 31 जनवरी को समाप्त होने वाली है। इसके बाद 31 जनवरी से 19 फरवरी तक 20 दिनों की चिल्लेखुर्द (छोटी ठंड) और 20 फरवरी से 10 दिनों की, 2 मार्च तक चिल्ले बच्चा (बच्चों की ठंड) होगी।
 
जानकारी के लिए चिल्लेकलां एक फारसी शब्द है जिसका अर्थ है प्रमुख शीत। हालांकि कश्मीर में सबसे कठोर सर्दियों के शुरुआती 20 दिनों में कश्मीर में शुष्क मौसम बना हुआ है और अब स्थानीय मौसम विभाग ने 15 जनवरी तक इसके जारी रहने की भविष्यवाणी की है। यह बात अलग है कि 30 दिसंबर से लेकर अब तक मौसम विभाग कई बार बर्फबारी की भविष्यवाणी और पूर्वानुमान प्रकट कर चुका है, पर कोई भी सच साबित नहीं हुए हैं।
 
पहले भी ऐसे सूखे के दौर आए : मौसम विभाग के निदेशक डॉ. मुख्तार अहमद कहते थे कि पहले भी ऐसे सूखे के दौर आए हैं। उनके बकौल, वर्ष 2022 में दिसंबर बिना किसी बारिश के बीत गया था और फिर वर्ष 2018 में दिसंबर और जनवरी बिना किसी बारिश के समाप्त हुआ था। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि कश्मीर में चल रहा सूखा कोई नई घटना नहीं है।

 
15 जनवरी तक कोई बर्फबारी होने की उम्मीद नहीं : और अब ताजा पूर्वानुमान के अनुसार मैदानी इलाकों में मौसम आमतौर पर बादल छाए रहने की उम्मीद वाला है। जम्मू संभाग में एक या दो स्थानों पर बहुत हल्की बारिश और कश्मीर के अलग-अलग अत्यधिक ऊंचे इलाकों में बहुत हल्की बर्फबारी होने की संभावना जताई जा रही है। मौसम विभाग कहता है कि 10 से 15 जनवरी के बीच मौसम शुष्क रहने का अनुमान है और कुल मिलाकर 15 जनवरी तक कोई महत्वपूर्ण मौसम गतिविधि अर्थात बर्फबारी होने की उम्मीद नहीं है।
 
कश्मीर में पारा हिमांक बिंदु से नीचे : इसके अलावा कश्मीर में पारा हिमांक बिंदु से नीचे बना हुआ है। जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से 5.3 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया है। कश्मीर के प्रवेश द्वार काजीगुंड में भी न्यूनतम तापमान शून्य से 4.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया जबकि प्रसिद्ध स्की रिसॉर्ट गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से 4.0 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।
 
गुलमर्ग की हालत यह है कि उसकी स्लोपों से वह बर्फ भी अब पिघल चुकी है, जो कुछ महीने पहले गिरी थी। प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 5.3 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। कुपवाड़ा में पारा शून्य से 5.0 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया जबकि कोकरनाग में न्यूनतम तापमान शून्य से 2.1 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया है।
 
Edited by: Ravindra Gupta
ये भी पढ़ें
भारत आना चाहते थे मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू