सनराइजर्स हैदराबाद के मुख्य कोच ब्रायन लारा ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के वर्तमान सत्र में अपनी टीम के खराब प्रदर्शन का कारण एक इकाई के तौर पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाना बताया तथा कहा कि राहुल त्रिपाठी और अभिषेक शर्मा की खराब फॉर्म ने स्थिति और बिगाड़ दी।
सनराइजर्स के इस सत्र में भी अंतिम स्थान पर रहने की संभावना है। उसके अभी चार जीत से आठ अंक हैं और वह प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हो चुका है।गुजरात टाइटंस सोमवार को शुभमन गिल के शतक की मदद से सनराइजर्स को 34 रन से हराकर प्लेऑफ में जगह बनाने वाली पहली टीम बनी।
वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान लारा ने मैच के बाद संवाददाताओं से कहा, मुझे लगता है कि एक इकाई के रूप में हम वैसा प्रदर्शन नहीं कर सके जैसी कि हमें उम्मीद थी। अगर आप कागजों पर देखो तो हमारी बल्लेबाजी मजबूत है लेकिन हम अधिकतर अवसरों पर अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाए जिससे कि हम टूर्नामेंट के इस चरण में शीर्ष चार में शामिल रहते।
उन्होंने कहा, पिछले साल 400 से अधिक रन बनाने वाले राहुल त्रिपाठी या अभिषेक शर्मा इस साल संघर्ष करते नजर आए। मेरा मानना है कि हमारी टीम एक इकाई के तौर पर अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाई।
लारा ने तेज गेंदबाज उमरान मलिक को पिछले कुछ मैचों में अंतिम एकादश में शामिल नहीं करने के फैसले का भी बचाव किया। मलिक वर्तमान सत्र में 12 में से सात मैचों में खेले जिसने उन्होंने केवल पांच विकेट लिए। उन्होंने पिछले सत्र में 22 विकेट हासिल किए थे।
उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि आपको खिलाड़ी की फॉर्म पर गौर करना होता है। हमें उमरान से काफी उम्मीदें थी। उसके साथ काम करने के लिए ( सनराइजर्स के गेंदबाजी कोच) डेल स्टेन थे। लेकिन हम हर मैच जीतने के लिए खेलते हैं और इसके लिए हमें अपनी सर्वश्रेष्ठ एकादश मैदान पर उतारनी होती है। फॉर्म ऐसी चीज है जिस पर हम टीम का चयन करते समय ध्यान देते हैं। हमारे पास 25 खिलाड़ी हैं जिनमें से हमें टीम का चयन करना होता है।
लारा ने उमरान की तुलना कार्तिक त्यागी से की जिन्हें इस सत्र में अभी तक केवल एक मैच खेलने का मौका मिला है।उन्होंने कहा,मैं चाहता हूं कि आप (मीडिया) मुझसे त्यागी के बारे में सवाल पूछें क्योंकि वह भी विशिष्ट प्रतिभा है लेकिन उसे केवल एक मौका मिला है। इसलिए मुझे नहीं लगता कि हमने टीम के चयन में कुछ गलती की है।
अंतिम दो मैचों में युवा चेहरों को मौका दे सकती है सनराइजर्ससनराइजर्स हैदराबाद के कप्तान एडेन मार्करम ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के वर्तमान सीजन से उनकी टीम के बाहर होने के बाद अंदेशा दिया है कि वह लीग के आखिरी दो मैचों में कुछ युवा खिलाड़ियों को मौका दे सकते हैं।
सनराइजर्स को सोमवार रात खेले गये आईपीएल मुकाबले में गुजरात टाइटन्स के हाथों 34 रन की हार का सामना करना पड़ा। अभिषेक शर्मा जैसी युवा प्रतिभाओं और मार्करम जैसे अंतरराष्ट्रीय सितारों से सजी सनराइजर्स इस सीजन के 12 में से सिर्फ चार मुकाबले जीतने के कारण प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हो गयी है, हालांकि कप्तान मार्करम अगले दो मैचों में टीम के मान-सम्मान के लिये खेलना चाहते हैं।
मार्करम ने मैच के बाद कहा, “हम अभी भी अपने सम्मान के लिये खेल सकते हैं। मौका मिला तो हम (युवाओं को) कुछ अवसर देने की कोशिश करेंगे। टूर्नामेंट को अच्छी ऊर्जा के साथ खत्म करना बेहतर होगा। दुर्भाग्य से, हम इस साल टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके।”
गुजरात शुभमन गिल (101) के शतक के बावजूद सनरााइजर्स के सामने 189 रन का लक्ष्य ही रख सकी, हालांकि सनराइजर्स ने भी अपने सात विकेट 59 रन ही गंवा दिये जिससे उसकी लक्ष्य तक पहुंचने की उम्मीदें समाप्त हो गयीं। हेनरिक क्लासेन (44 गेंद, 64 रन) ने जुझारू अर्द्धशतक जड़ते हुए भुवनेश्वर कुमार (26 गेंद, 27 रन) के साथ 68 रन की साझेदारी की, हालांकि यह प्रयास सिर्फ सनराइजर्स की हार के अंतर को ही कम कर सका।
मार्करम ने कहा, “हम पहली पारी तक मैच में थे, लेकिन पावरप्ले में चार विकेट गंवाने के बाद परिस्थितियां मुश्किल हो गयीं। हमारी गेंदबाजी थोड़ी सी खराब थी, हमारे पास ऐसे गेंदबाज हैं जो गेंद को स्विंग करा सकते हैं। शुभमन की पारी शानदार थी और उनके नंबर तीन (साई सुदर्शन) की भी।”
इससे पहले भुवनेश्वर ने पहली पारी में पांच विकेट चटकाकर गुजरात को 188 रन के स्कोर पर रोका था। गुजरात ने 12 ओवर में एक विकेट के नुकसान पर 131 रन बना लिये थे, लेकिन भुवनेश्वर की अगुवाई में सनराइजर्स के गेंदबाजों ने अंतिम आठ ओवर में मात्र 57 रन देकर आठ विकेट चटकाये।
मार्करम ने कहा, “हमारे गेंदबाज डटे रहे और भुवनेश्वर ने अपनी गेंदबाजी से खुद को साबित किया। क्लासेन एक बेहतरीन खिलाड़ी है और मैं उसके लिये खुश हूं। दुनिया उसकी क्षमता और ताकत देख रही है। हम क्लासेन का साथ नहीं दे सके। इस तरह का प्रदर्शन करने के बावजूद हारना उसके लिये मुश्किल होगा।”
उन्होंने गेंदबाजों पर कहा, “जब विपक्षी टीम ने अंतिम ओवरों की तरफ बढ़ते हुए सिर्फ एक विकेट गंवाया हो तो मैच किसी भी तरफ जा सकता है। साझेदारी तोड़ना जरूरी था और भुवनेश्वर ने हमारे लिये काम किया। वह और नट्टू (टी नटराजन) हमारे लिये शानदार रहे हैं।”