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Last Modified: शनिवार, 10 अक्टूबर 2020 (02:28 IST)

IPL-13 : लुभा गया बल्ले पर गेंद का हावी होना

IPL-13 : लुभा गया बल्ले पर गेंद का हावी होना - Chennai Super Kings vs Royal Challengers Bangalore IPL Match
मैच में यदि रन कम बने तो निश्चित ही बल्ला छोटा और गेंद बड़ी हो जाती है। फिंच (2), डिविलियर्स (0), वॉशिंगटन सुंदर 10 बेहद सस्ते में चले गए। सारा दारोमदार विराट कोहली तथा देवदत्त पर आ गया। मैच दर मैच देवदत्त मझंते जा रहे हैं और अपने विकेट के मूल्य को अच्छे से समझते भी है।
 
उन्होंने नुकसान को बड़ी नजाकत से रफू करते हुए एक छोर से विराट को जता दिया की चिंता की कोई बात नहीं। देवदत्त (33) का साथ छूटने के पश्चात विकेट पर उतरे शिवम दुबे ने (22) रनों का उम्दा पारी खेली जबकि दूसरी तरफ विराट हाथ धोकर गेंदबाजो के पीछे लग गए। 16 ओवर में 103 का स्कोर निराश कर रहा था और जब 20 ओवर समाप्त हुए तो 169 पर इतरा रहा था। विराट ने 4 चौके तथा 4 छक्के की मदद से मात्र 52 गेंदों में शानदार 90 रनों की पारी खेलकर दर्शा दिया कि फॉर्म अस्थाई होता है और क्लास परमानेंट। 
 
इस दौरान संकेत मिल गए थे कि बाद में रन बनाना कतई आसान नहीं होगा। जवाब में निरंतर डूप्लेसिस (8 )एवं वाटसन (14 )के जाते ही 170 का स्कोर चढ़ाई के रूप में नजर आने लगा जिसे वाशिंगटन की सुंदर गेंदबाजी ने पहाड़ बना दिया। उनके अलावा नवदीप सैनी ने कसी हुई गेंदबाजी करते हुए केवल 18  रन ही दिए, भले ही उन्हें विकेट नहीं मिला।
 
रायडू (42) तथा जगदीशन (33) ने संघर्षपूर्ण कोशिश की लेकिन घटती गेंद तथा बढ़ते अंतर से सारा दबाव आखिर उन्हें ले डूबा। धोनी ने भले ही T20 में 300 छक्के पूरे कर लिए लेकिन जैसा लग रहा था वे एक बार फिर 1 छक्का मारकर पसर गए और टीम धड़ाम से गिर गई। ईमानदारी से कहे तो 14 ओवर तक दोनों ही टीमों का स्कोर तथा विकेट समान ही था। 
 
सैम कुरेन, रवींद्र जडेजा एवं ब्रावो औपचारिकता पूरी करके लौट गए। उम्दा गेंदबाजी के समक्ष सारा अनुभव धरा का धरा रह गया। इन तीनों को क्रिस मॉरिस ने अपना निवाला बनाया मात्र 19 रन खर्च कर। धोनी का छक्का सीमा रेखा पर गुरकीरत ने लपक लिया।
 
आरसीबी के लिए विराट का लय में आना और 6000 रन पूरे करना उत्साहवर्धक रहा। दूसरी तरफ चेन्नई को अब मान लेना चाहिए किस चटा चट क्रिकेट में उनके अनुभव पर उम्र भारी होती जा रही है। अब केवल चमत्कार ही उन्हें आगे ले जा सकता है। नहीं तो शेष मैचों में यह लोग ऊपर की 4 टीमों का गणित तो बिगाड़ ही सकते हैं। खाएंगे नहीं तो ढोल देंगे...