Last Modified: लंदन ,
बुधवार, 7 मार्च 2012 (21:04 IST)
भारत नहीं बन सकता महाशक्ति-रिपोर्ट
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हाल के वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति के बावजूद भारत महाशक्ति नहीं बन सकता और सच तो यह है कि उसे महाशक्ति बनने के बारे में सोचना भी नहीं चाहिए। यह बात लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के अध्ययन में कही गई।
इस अध्ययन ‘भारत : अगली महाशक्ति?’ में अमेरिकी विदेशी मंत्री के 2009 में भारत यात्रा के दौरान दिए गए उस बयान को खारिज किया गया, जिसमें उन्होंने कहा था कि मैं भारत को न सिर्फ क्षेत्रीय शक्ति बल्कि वैश्विक शक्ति मानती हूं।
इस रिपोर्ट में भारत की अर्थव्यवस्था, रक्षा, सरकार, संस्कृति, पर्यावरण और समाज जैसे क्षेत्रों पर नौ विशेषज्ञों के लेख शामिल हैं और इसमें भारत के महाशक्ति के दावे के आकलन में सतर्कता बरतने का सुझाव दिया गया है।
लंदन स्कूल के इतिहास और अंतरराष्ट्रीय संबंध विभाग से जुड़े रामचंद्र गुहा ने कहा कि यह संदेहास्पद है कि भारत को महाशक्ति बनने की इच्छा रखनी चाहिए या नहीं। उन्होंने सात ऐसी वजहें बताईं जिसके कारण भारत महाशक्ति नहीं बन सकता।
गुहा के अलावा इस अध्ययन में राजीव सिब्बल, इस्कंदन रहमान, निकोलस ब्लारेल, ओलिवर स्टुएंकल, हरीश वानखेड़े, मुकुलिका बनर्जी, एंड्रयू सांचेज और संदीप सेनगुप्ता के लेख हैं। (भाषा)