Last Modified: लंदन ,
गुरुवार, 1 मार्च 2012 (00:18 IST)
ब्रिटेन ने वीजा नियम और कड़े किए
ब्रिटेन पहली बार देश में प्रवासी द्वारा बिताए गए वर्षो की संख्या और स्थायी रूप से बसने के बीच संबंध तोड़ने जा रहा है। ब्रिटेन इस देश में बसने की चाहत रखने वालों के लिए 35 हजार पाउंड सालाना आय की न्यूनतम सीमा शुरू कर रहा है और इस कदम का असर भारतीयों पर पड़ने की संभावना है।
ब्रिटेन में अब तक स्थायी रूप से बसने की जो व्यवस्था है उसके तहत अगर कोई प्रवासी ब्रिटेन में आव्रजन के जरिये पांच साल गुजाकर यहां बस जाता है और अगर उसने कोई बड़ा अपराध नहीं किया है तो आय के स्तर पर ध्यान दिये बगैर उसे स्थायी रूप से बसने की अनुमति दे दी जाती है।
वीजा को लेकर आज घोषित नये मानक अप्रैल 2016 से लागू होंगे, जिसके बाद प्रवासियों को स्थायी रूप से बसने की मंजूरी लेने के लिए कम से कम 35 हजार पाउंड वार्षिक आय दिखानी होगी।
हजारों भारतीय पेशेवर विभिन्न कार्यों के तहत ब्रिटेन आते हैं। अप्रैल 2016 के बाद से स्थायी रूप से बसने की चाहत रखने वालों को अपनी नौकरी में पांच साल बिताने के बाद दिखाना होगा कि वे नौकरी में सालाना कम से कम 35 हजार पाउंड कमा रहे हैं।
गृह मंत्रालय ने कहा कि 35 हजार पाउंड आय की न्यूनतम सीमा तय करने से भारत और गैर यूरोपीय संघ के देशों के प्रवासियों को दी जाने वाली स्थायी रूप से बसने की मंजूरी का ग्राफ हर साल 60 हजार से 20 हजार तक गिर जाएगा। जो लोग इन मानकों में फिट नहीं बैठेंगे, उन्हें छह वर्ष के बाद ब्रिटेन छोड़ना होगा।
आव्रजन मंत्री डेमियन ग्रीन ने कहा कि पीएचडी स्तर के वैज्ञानिक और शोधकर्ता के रूप में प्रवेश करने वाले प्रवासी 35 हजार पाउंड की न्यूनतम सीमा के बगैर भी स्थायी रूप से बसने के योग्य होंगे। (भाषा)