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Last Modified: वाशिंगटन , मंगलवार, 14 फ़रवरी 2017 (22:42 IST)

नया फंडा : कम खाओ, जवान रहो, ज्यादा जियो

नया फंडा : कम खाओ, जवान रहो, ज्यादा जियो - Scientific, less food
वाशिंगटन। एक नए अध्ययन में वैज्ञानिकों ने चिर-यौवन के कुछ राज खोलते हुए कहा है कि कम खाने से और कम कैलोरियों के सेवन से बुढ़ापे की रफ्तार सुस्त की जा सकती है और लंबे एवं स्वस्थ जीवन को बढ़ावा दिया जा सकता है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि अरबों डॉलर का उद्योग है जो बुढ़ापे के लक्षणों से लड़ने के उत्पाद बनाते हैं लेकिन ये सभी उत्पाद बस उपरी तौर पर ही असर डालते हैं।
 
उनका कहना है कि बुढ़ापे की प्रक्रिया गहरी है, यह एक कोशिकीय प्रक्रिया है।वैज्ञानिकों ने पाया है कि कम खाने से यह कोशिकीय प्रक्रिया सुस्त की जा सकती है।
 
उनके अनुसंधान से यह जानने में मदद मिलती है कि कैसे कैलोरियों में कटौती से कोशिका के अंदर का बुढ़ापा प्रभावित होता है।
 
अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि जब कोशिका के प्रोटीन-निर्माता राइबोसोम सुस्त पड़ते हैं तो बुढ़ापे की प्रक्रिया भी सुस्त पड़ती है। गति में आई यह कमी उत्पादन में गिरावट लाती है, लेकिन साथ ही राइबोसोम को अपनी मरम्मत करने के लिए अतिरिक्त वक्त भी देती है।
 
अमेरिकी की ब्राइगम यंग युनिवर्सिटी के प्रोफेसर जॉन प्राइस ने कहा कि राइबोसोम किसी बेहद जटिल मशीन की तरह हैं, आपकी कार की तरह, और अपने कल-पुर्जे को बदलने के लिए समय समय पर इसे मेनटेनेंस की जरूरत पड़ती हैं जो बहुत तेजी से घिसते हैं। (भाषा)
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