पुलिस द्वारा चलाई जाने वाली रबर की गोलियां नहीं हैं सुरक्षित
पेरिस। रबर की गोलियों से हताहत हुए लोगों पर किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि ऐसी गोलियों से घायल हुए हर 100 व्यक्तियों में से तीन की जान चली गई। अध्ययन में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए वैकल्पिक उपाय तलाशने की मांग की गई है।
अमेरिका के शोधकर्ताओं की एक टीम ने इसराइल, फलस्तीन क्षेत्र, अमेरिका, भारत, उत्तरी आयरलैंड, स्विटरजरलैंड, तुर्की और नेपाल में 1990 और 2017 के बीच रबर की गोलियों से लोगों के घायल होने, अपंग होने और मौत होने पर प्रकाशित 26 वैज्ञानिक रिपोर्टों पर गौर किया। टीम ने पाया कि कुल 1984 लोग घायल हुए, जिनमें से 53 लोग (तीन फीसद) की मौत हो गई।
टीम ने आज एक बयान में कहा, ‘जो लोग बच गए थे, उनमें से करीब 300 स्थाई अपंगता के शिकार हो गए। आम तौर पर उनके सिर या गले में रबर की गोलियां लगी थीं।’ बयान में कहा गया है, ‘अंधता, प्लीहा को हटाया जाना आदि पेट में जख्म के परिणाम है। इनमें से ज्यादातर अपंगता के कारण हैं।’ (भाषा)