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Last Updated : शुक्रवार, 14 अप्रैल 2017 (17:27 IST)

कुलभूषण जाधव को न्याय मिलना ‍मुश्किल, लाहौर हाईकोर्ट के वकीलों ने किया जाधव का विरोध

kulbhushan jadhav case
लाहौर। लाहौर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने शुक्रवार को कहा कि वह भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को अपनी सेवाएं देने वाले वकील के खिलाफ कार्रवाई करेगा। पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव को मौत की सजा सुनाई है। 

इससे यही साबित होता है कि जाधव को पाकिस्तान में न्याय नहीं मिलेगा। उल्लेखनीय है कि मुंबई में हमला करने आए पाक आतंकवादी अजमल कसाब को सजा देने से पहले पूरी न्यायिक प्रक्रिया का पालन किया गया था। कसाब को एक वकील भी उपलब्ध करवाया गया था। 
 
लाहौर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव आमेर सईद रान ने बार की बैठक के बाद कहा कि लाहौर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया है कि जो भी वकील भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव को अपनी सेवाएं देगा उसकी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी। उनके मुताबिक बार ने सरकार से कहा है कि जाधव के मामले में वह किसी भी विदेशी दबाव के आगे ना झुके।
 
उन्होंने कहा कि भारत ने जाधव को अपना बेटा घोषित किया है और वह उसकी रिहाई के लिए पाकिस्तान की सरकार पर दबाव बना रहा है। हमारी मांग है कि पाकिस्तानियों के जीवन से खेलने वाले भारतीय जासूस को बख्शा नहीं जाना चाहिए और सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसे फांसी दी जाए। इससे पहले, सैन्य प्रमुख जनरल कमर बाजवा के तहत पाकिस्तान के शीर्ष सैन्य कमांडरों ने यह स्पष्ट कर दिया कि इस किस्म की ‘राष्ट्र विरोधी गतिविधियों’ पर कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा।
 
फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल ने 46 वर्षीय जाधव को पाकिस्तान में ‘जासूसी और तोड़फोड़’ करने का दोषी पाया था जिसके बाद सैन्य प्रमुख जनरल बाजवा ने उनकी मौत की सजा की पुष्टि की थी। भारत ने स्वीकार किया था कि जाधव नौसेना में काम कर चुके हैं, लेकिन सरकार के साथ उनके किसी भी तरह के संपर्क से इंकार किया था। (भाषा)
 
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