बड़े युद्ध की आशंका, इजराइल ने हिजबुल्लाह के कमांडर को किया ढेर
Israel Hezbollah rocket chief commander killed : इजराइली सेना ने मंगलवार दोपहर को बेरूत में हिजबुल्लाह के रॉकेट प्रमुख इब्राहिम मुहम्मद कबीसी को मार गिराया। हमले के समय हिजबुल्लाह के रॉकेट यूनिट के कई दूसरे सदस्य भी कबीसी के साथ थे। खबरों के मुताबिक कबीसी के साथ हिजबुल्लाह की रॉकेट यूनिट के सभी टॉप कमांडरों का खात्मा हो गया है। इससे पहले इजरायली सेना ने हिजबुल्लाह के कई दूसरे टॉप कमांडरों की हत्याएं की है, लेकिन वे सभी बेरूत के बाहर काम कर रहे थे। 30 जुलाई के बाद यह पहला मौका है, जब इजराइल ने बेरूत में हिजबुल्लाह के सर्वोच्च स्तर के अधिकारियों को निशाना बनाया है।
ईरान ने खड़ा किया हिजबुल्लाह : इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच दुश्मनी काफी पुरानी है। हिजबुल्लाह को खड़ा करने वाला देश ईरान है। ईरान शिया बहुल देश है। हिजबुल्लाह भी शिया मुस्लिम संगठन है। यह जगजाहिर है कि ईरान और इजरायल की नहीं बनती है। इसी साल सीरिया में इजरायली हवाई हमले में ईरानी राजदूत की मौत हुई थी।
इसके बाद ईरान ने करीब 300 ड्रोन और क्रूज मिसाइलों से इजरायल पर हमला किया था। मगर इस हमले में इजरायल का कोई खास नुकसान नहीं हुआ था। वैश्विक दबाव की वजह से ईरान को अपने कदम पीछे खींचने पड़े हैं। मगर जो काम ईरान खुद नहीं कर सकता, वो अपने छद्म समूहों से करवाता है।
क्या है हिजबु्ल्लाह : ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने 1982 में लेबनान के 1975-90 के गृह युद्ध के बीच में हिजबुल्लाह की स्थापना की। ये 1979 की इस्लामी क्रांति को आगे बढ़ाने और 1982 में लेबनान पर आक्रमण के बाद इजरायली सेना से लड़ने के ईरान के प्रयास का ही हिस्सा था। ये इस दौरान शिया समुदाय के बीच उभरा। तेहरान की शिया इस्लामवादी विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए हिजबुल्लाह ने लेबनानी शिया मुसलमानों की भर्ती की। एक गुट से आगे बढ़ते हुए अब ये सशस्त्र बल गया है और इसका लेबनान में काफी प्रभाव है। अमेरिका से लेकर कई देश इसे आतंकी संगठन मानते हैं। हिजबुल्लाह का सबसे बड़ा फंड का सोर्स ईरान माना जाता है। इनपुट एजेंसियां