मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज सईद को लगा दोहरा झटका, यूएन ने ठुकराई अपील, हेडक्वार्टर पर सरकार का कब्जा
लाहौर। आतंकी संगठन जमात उद दावा को दोहरा झटका लगा है। एक तरफ संयुक्त राष्ट्र ने दुनिया के मोस्टवांटेड और जमात उत दावा के मुखिया हाफिज सईद की प्रतिबंधित आतंकियों की सूची से उसे निकालने की याचिका को खारिज कर दिया है, दूसरी तरफ पंजाब प्रांत सरकार ने गुरुवार को प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) और फलाह-ए-इंसानियत (एफआईएफ) के मुख्यालय को कब्जे में ले लिया है।
पाकिस्तान के एक अखबार की खबर के अनुसार राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपी) के तहत कानून लागू करने वाली एजेंसियों द्वारा शुरू की गई ताजा मुहिम के तहत प्रतिबंधित जमात और एफआईएफ से संबंधित मदरसों एवं संपत्ति को पाकिस्तान सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया है।
खबर के अनुसार पंजाब प्रांत के अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा जारी वीडियो लिंक के जरिए आयुक्तों एवं संभागीय पुलिस प्रमुखों के साथ हुई बैठक के बाद चकवाल और अटक जिलों में बड़ी कार्रवाई की गई। बैठक में संबंधित अधिकारियों को उनकी संपत्ति को अपने कब्जे में लेने का आदेश दिया गया था।
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र ने 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद की वह अपील खारिज कर दी जिसमें उसने प्रतिबंधित आतंकवादियों की सूची से अपना नाम हटाने की गुहार लगाई थी। गौरतलब है कि यह फैसला ऐसे समय में आया है जब संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध समिति को जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर पर पाबंदी लगाने का एक नया अनुरोध प्राप्त हुआ है।
मंगलवार पाकिस्तान ने जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन को औपचारिक रूप से प्रतिबंधित सूची में डाला था। इसके बाद इन प्रतिबंधित संगठनों की संपत्ति को कब्जे में लिया गया। मंगलवार को संशोधित की गई पाकिस्तान के राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक प्राधिकरण (एनएसीटीए) की इस सूची के अनुसार जमात और एफआईएफ, आतंकवाद निरोधक कानून, 1997 के तहत गृह मंत्रालय द्वारा प्रतिबंधित 70 संगठनों में शामिल हैं।