बड़ी खबर! अब मुश्किल हो सकता है अमेरिका में ग्रीन कार्ड हासिल करना
वाशिंगटन। अमेरिका के दो शीर्ष सीनेटरों ने आव्रजन का स्तर कम करके आधा करने के लिए सीनेट में एक विधेयक पेश किया है। इसे ग्रीन कार्ड हासिल करने या अमेरिका में स्थायी निवासी बनने की इच्छा रखने वालों के समक्ष संभावित चुनौती समझा जा रहा है।
रिपब्लिकन सीनेटर टॉम कॉटन और डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेटर डेविड पर्डू ने ‘रेज एक्ट’ पेश किया है जिसमें हर वर्ष जारी किए जाने वाले ग्रीन कार्डों या कानूनी स्थायी निवास की मौजूदा करीब 10 लाख की संख्या को कम करके पांच लाख करने का प्रस्ताव रखा गया है।
ऐसा माना जा रहा है कि इस विधेयक को ट्रंप प्रशासन का समर्थन प्राप्त है। यदि यह विधेयक पारित हो जाता है तो इससे उन लाखों भारतीय अमेरिकियों पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा जो रोजगार आधारित वर्गों में ग्रीन कार्ड मिलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि मौजूदा समय में किसी भारतीय को ग्रीन कार्ड हासिल करने के लिए 10 से 35 साल इंतजार करना पड़ता है और यदि प्रस्तावित विधेयक कानून बन जाता है तो यह अवधि बढ़ सकती है। इस विधेयक में एच-1बी वीजा पर ध्यान केंद्रित नहीं किया गया है।
कॉटन ने कहा, 'रेज एक्ट उच्च वेतनों को प्रोत्साहित करेगा जिसके आधार पर सभी कामकाजी अमेरिकी भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।' वर्ष 2015 में 1,051,031 प्रवासी यहां आए थे। इस विधेयक के पारित होने से पहले साल में प्रवासियों की कुल संख्या कम होकर 6,37,960 रह जाएगी और 10वें साल में यह 5,39,958 हो जाएगी।
पर्डू ने कहा, 'हम हमारी कानूनी आव्रजन प्रणाली में व्याप्त कुछ कमियों को दूर करने के लिए कदम उठा रहे है।' उन्होंने कहा, 'कानूनी आव्रजन के हमारे ऐतिहासिक रूप से सामान्य स्तरों पर वापस पहुंचने से अमेरिकी नौकरियों एवं वेतनों की गुणवत्ता के सुधार में मदद मिलेगी।' रेज एक्ट अमेरिकी नागरिकों एवं वैध स्थायी निवासियों के पति या पत्नी और नाबालिग बच्चों के लिए आव्रजन प्राथमिकताओं को बरकरार रखेगा। जबकि विस्तारित परिवार और परिवार के व्यस्क सदस्यों के कुछ वर्गों के लिए प्राथमिकताएं हटा दी जाएंगी। इसमें विविधता वीजा लॉटरी को भी समाप्त करने का प्रस्ताव रखा गया है।
इसमें कहा गया है, 'डाइवर्सिटी लॉटरी में धोखाधड़ी होती है, इससे कोई आर्थिक या मानवीय हित पूरा नहीं होता। रेज एक्ट इस लॉटरी को मनमाने ढंग से दिए गए 50,000 वीजा समाप्त कर देगा।' इस विधेयक में शरणार्थियों के लिए स्थायी निवास पर जिम्मेदाराना सीमा तय करने का प्रस्ताव पेश किया गया है। रेज एक्ट स्थायी निवास पाने वाले शरणार्थिायों की संख्या को प्रति वर्ष 50,000 तक सीमित करेगा।
(भाषा)