ओस्लो। नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में शनिवार तड़के एक बार के निकट हुई गोलीबारी की घटना में 2 लोगों की मौत हो गई, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हो गए।नॉर्वे की पुलिस ने बताया कि वह ओस्लो में हुई गोलीबारी की घटना को आतंकवादी हमला मानकर इसकी जांच कर रही है। यह गोलीबारी नॉर्वे की राजधानी के केंद्र में स्थित एक बार के बाहर हुई।
नॉर्वे पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि गोलीबारी के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया 42 वर्षीय संदिग्ध व्यक्ति ईरानी मूल का नॉर्वे का नागरिक है, जिसकी आपराधिक पृष्ठभूमि रही है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने हमलावर के पास से एक पिस्तौल और एक स्वचालित हथियार समेत दो आग्नेयास्त्र जब्त किए हैं। आरोपी ने ओस्लो के व्यस्त कारोबारी क्षेत्र के तीन स्थानों पर गोलीबारी की।
ओस्लो में गोलीबारी की यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब शहर में समलैंगिकों के समर्थन में एक वार्षिक रैली के आयोजन की तैयारियां चल रही थीं। ओस्लो के लंदन पब नामक जिस बार के बाहर यह गोलीबारी हुई, वह समलैंगिकों के बीच लोकप्रिय है।
पुलिस की सलाह पर आयोजकों ने समलैंगिकों के समर्थन में निकाली जाने वाली रैली और उससे संबंधित सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है। पुलिस के मुताबिक, गोलीबारी शनिवार तड़के नॉर्वे की राजधानी के केंद्र में स्थित एक बार के बाहर हुई।
पुलिस अटॉर्नी क्रिस्टियन हातलो ने कहा कि संदिग्ध को कई स्थानों पर की गई गोलीबारी के सिलसिले में हत्या, हत्या के प्रयास और आतंकवाद के संदेह में गिरफ्तार किया गया है। आरोपी के मानसिक स्वास्थ्य की भी जांच की जा रही है।
उन्होंने कहा, हमारा समग्र आकलन यह है कि यह मानने के लिए पर्याप्त साक्ष्य एवं आधार हैं कि वह लोगों में भय पैदा करना चाहता था। इस घटना के चश्मदीद रहे 46 वर्षीय मार्कस न्याबक्कन ने कहा कि उन्हें गोलीबारी के बारे में इलाके में हंगामा होने की सूचना मिली थी।
मार्कस ने नॉर्वे के प्रसारणकर्ता टीवी 2 से कहा, जब मैं सीज़र बार में गया तो वहां बहुत सारे लोग भागने लगे थे और बहुत चीख-पुकार मच रही थी। मैंने सोचा था कि वहां किसी झगड़े के कारण ऐसा हो रहा था, इसलिए मैं बाहर निकल गया। लेकिन फिर मैंने सुना कि यह गोलीबारी की एक घटना थी। कोई मशीनगन से गोलीबारी कर रहा था।
गोलीबारी की यह घटना स्थानीय समयानुसार देर रात करीब एक बजे हुई, घबराए हुए लोग सड़कों पर भाग रहे थे और बंदूकधारी से छिपने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस निरीक्षक टोरे सोल्डल ने कहा कि गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई और गंभीर रूप से घायल 10 लोगों का उपचार चल रहा है जबकि 11 अन्य मामूली रूप से घायल हुए है।
अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि क्या गोलीबारी की इस घटना का संबंध समलैंगिकों के समर्थन में ओस्लो में शनिवार को आयोजित होने वाली रैली से था। नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास जी. स्तोरे ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, आज रात ओस्लो में लंदन पब के बाहर हुई गोलीबारी की चौंकाने वाली घटना निर्दोष लोगों पर किया गया एक क्रूर हमला था।
उन्होंने कहा कि हालांकि इस हमले का मकसद स्पष्ट नहीं हुआ है, लेकिन इससे समलैंगिक समुदाय के लोगों में भय व्याप्त हो गया। इस मुश्किल समय में हम सभी उनके साथ हैं। नॉर्वे के सम्राट हेराल्ड पंचम ने गोलीबारी की घटना पर शोक व्यक्त किया और कहा कि वह और नॉर्वे का शाही परिवार गोलीबारी की घटना से भयभीत है।
सम्राट हेराल्ड पंचम ने एक बयान में कहा, हम इस घटना में मारे गए लोगों के सभी परिजनों और पीड़ितों के प्रति सहानुभूति रखते हैं और उन सभी के प्रति स्नेहपूर्ण विचार व्यक्त करते हैं जो अब डरे हुए, बेचैन और शोक में हैं।उन्होंने कहा, हमें स्वतंत्रता, विविधता और एक-दूसरे के लिए सम्मान जैसे अपने सामाजिक मूल्यों की रक्षा करने के लिए एक साथ खड़ा होना चाहिए। हमें सभी लोगों को सुरक्षित महसूस कराने के लिए एकजुट होना चाहिए।
बार में मौजूद क्रिश्चियन ब्रेडेली नामक एक व्यक्ति ने नॉर्वे के समाचार पत्र 'वीजी' को बताया कि वह लगभग 10 लोगों के समूह के साथ चौथी मंजिल पर तब तक छिपे रहे जब तक कि उन्हें यह नहीं बताया गया कि बाहर आना सुरक्षित है।
ब्रेडेली ने कहा, कई लोगों को अपनी जान का डर सता रहा था। बाहर निकलते समय हमने कई घायल लोगों को देखा, तो हम समझ गए कि कुछ गंभीर हुआ था। नॉर्वे के समाचार चैनल टीवी-2 पर प्रसारित वीडियो फुटेज में घबराए लोगों को ओस्लो की सड़कों पर भागते हुए देखा जा रहा है और उनके पीछे से गोलियों की आवाज सुनाई दे रही है।
समलैंगिकों से जुड़ी रैली के आयोजकों ने बताया कि वे पुलिस के संपर्क में हैं। उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट किया, हम इस दुखद घटना से स्तब्ध और दुखी हैं। हमारी संवेदनाएं पीड़ितों और उनके प्रियजनों के साथ हैं। गौरतलब है कि नॉर्वे में गोलीबारी की सबसे वीभत्स घटना 2011 में हुई थी, जब दक्षिणपंथी विचारधारा वाले एक व्यक्ति ने 69 लोगों की हत्या कर दी थी।
वर्ष 2019 में एक अन्य दक्षिणपंथी चरमपंथी ने अपनी सौतेली बहन की हत्या करने के बाद एक मस्जिद में गोलीबारी की थी, लेकिन इस घटना में किसी को नुकसान पहुंचने से पहले उसे पकड़ लिया गया था।(भाषा)