रूसी जलसीमा में दो पोतों में आग लगी, 14 की मौत
मॉस्को/मुंबई। क्रीमिया को रूस से अलग करने वाली कर्च जलसंधि में तंजानियाई ध्वज लगे दो पोतों में आग लग जाने से कम से कम 14 लोग मारे गए जबकि छह अन्य लापता हैं। इन दोनों पोतों पर चालक दल के भारतीय, तुर्की और लीबियाई सदस्य सवार थे। मंगलवार को मीडिया में आई खबरों से यह जानकारी मिली।
हादसे में मारे गए और लापता लोगों की पहचान अभी नहीं हुई है लेकिन मुंबई में नौवहन महानिदेशालय के अधिकारियों ने कहा कि इस घटना में दोनों जहाजों पर मौजूद करीब 15 भारतीय सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि इस हादसे में पोतों में सवार अधिकतर भारतीय सुरक्षित हैं।
रूस की जलसीमा के पास दोनों पोतों में आग लगी। इन पोतों पर तंजानियाई झंडा लहरा रहा था। इनमें से एक पोत द्रवीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) ले जा रहा था जबकि दूसरा एक टैंकर ले जा रहा था। आग उस वक्त लगी जब इनमें से एक पोत दूसरे पोत को ईंधन दे रहा था।
इस घटना के शिकार हुए कैंडी नाम के पोत के चालक दल में 17 सदस्य सवार थे जिसमें नौ तुर्की और आठ भारतीय नागरिक थे। दूसरे पोत माइस्त्रो के चालक दल में 15 सदस्य थे जिनमें तुर्की के सात, भारत के सात और लीबिया का एक नागरिक था। रूस की समाचार एजेंसी ‘तास’ ने समुद्री अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी दी।
मुंबई में नौवहन महानिदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दुर्घटनास्थल के आसपास के इलाकों में दर्जनों पोत बचे हुए लोगों की तलाश में जुटे हुए हैं।
अधिकारी ने सटीक आंकड़ा देने से इनकार करते हुए कहा, हमारे कुछ नागरिकों ने देश में अपने परिजनों से सुरक्षित होने को लेकर बात की है जबकि कुछ को जलते पोतों से नदी में कूदने के बाद बचाया गया। (भाषा)