ट्रंप के यात्रा प्रतिबंध को लेकर कानूनी लड़ाई तेज
सैन फ्रांसिस्को/न्यूयॉर्क। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से छह मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों पर लगाए गए यात्रा प्रतिबंध को अगले माह अमेरिका की एक अपील अदालत में चुनौती दी जाएगी।
इस बार अमेरिका के ज्यादातर रिपब्लिकन राज्य इस प्रतिबंध का समर्थन करने के लिए एकजुट हो गए हैं। हालांकि एक डेमोक्रेटिक राज्य के अटॉर्नी जनरल ने इस सप्ताह इस यात्रा प्रतिबंध को लेकर जारी कानूनी लड़ाई में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया है।
कानून के कुछ जानकारों के मुताबिक ज्यादातर रिपब्लिकन राज्यों के इस प्रतिबंध के समर्थन में आने से इस बात की संभावना है कि ट्रंप के मूल कार्यकारी आदेश में गत माह किए गए कुछ संशोधनों के बाद अदालत में अमेरिकी सरकार का पक्ष मजबूत रहेगा।
इससे पहले गुरुवार को 16 डेमोक्रेटिक राज्यों के अटॉर्नी जनरल और कोलंबिया ने अदालत में एक 'फ्रेंड ऑफ द कोर्ट' नामक याचिका दायर कि जिसमें उन्होंने अदालत को बताया कि हवाई राज्य भी इस यात्रा संबंधी प्रतिबंध का विरोध करता है और इस पर रोक लगाने की मांग करता है।
गौरतलब है कि ट्रंप ने 06 मार्च को छह मुस्लिम बहुल देशों से आने वाले लोगों पर यात्रा संबंधी प्रतिबंध लगाने वाले एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। इस कार्यकारी आदेश में सूडान, सीरिया, ईरान, लीबिया, सोमालिया और यमन के लोगों पर 90 दिनों का प्रतिबंध लगाया गया था। यह पहले से वैध वीजा प्राप्त लोगों पर लागू नहीं है। इस यात्रा संबंधी प्रतिबंध का विरोध कर रहे हवाई और अन्य राज्यों का तर्क है कि ट्रंप की ओर से जारी यह कार्यकारी आदेश अमेरिकी संविधान का उल्लंघन करता है क्योंकि यह मुस्लिमों के साथ भेदभाव करता है।