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Last Modified: पेरिस , सोमवार, 25 दिसंबर 2023 (22:33 IST)

3 दिन की हिरासत के बाद 300 भारतीयों को लेकर आखिरकार फ्रांस से उड़ा प्लेन

3 दिन की हिरासत के बाद 300 भारतीयों को लेकर आखिरकार फ्रांस से उड़ा प्लेन - airbus with 303 passengers grounded at paris airport human trafficking links finally left for mumbai
मानव तस्करी के संदेह में फ्रांसीसी अधिकारियों द्वारा हिरासत में लिए जाने के तीन दिन बाद 300 से अधिक यात्रियों को लेकर एक विमान के सोमवार देर रात को मुंबई हवाई अड्डे पर उतरने की उम्मीद है। यात्रियों में अधिकतर भारतीय हैं। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के दुबई से 303 यात्रियों को लेकर निकारागुआ जाने वाली उड़ान को ‘‘मानव तस्करी’’ के संदेह में गुरुवार को पेरिस से 150 किलोमीटर पूर्व में वैट्री हवाई अड्डे पर रोक दिया गया था।
 
फ्रांसीसी चैनल ‘बीएफएम टीवी’ ने एक खबर में बताया, ‘‘बृहस्पतिवार को रोका गया विमान स्थानीय समय के अनुसार दोपहर दो बजकर 30 मिनट पर रवाना हो गया।’’
 
संयुक्त अरब अमीरात के दुबई से 303 यात्रियों को लेकर निकारागुआ जा रही उड़ान को ‘‘मानव तस्करी’’ के संदेह में गुरुवार को पेरिस से 150 किमी पूर्व में स्थित वैट्री हवाई अड्डे पर रोक लिया गया था।
 
फ्रांसीसी अधिकारियों ने रविवार को रोमानियाई कंपनी ‘लीजेंड एअरलाइंस’ द्वारा संचालित ‘ए340’ विमान को अपनी यात्रा फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी थी।
 
 खबर में बताया गया कि दो अन्य यात्रियों को आज न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया, जहां से उन्हें रिहा कर दिया गया।
 
आश्रय के लिए किए गए आवेदन की जांच रोइस्सी-चार्ल्स डी गॉल हवाई अड्डे पर की जाएगी।
 
पहले विमान के सुबह करीब 10 बजे उड़ान भरने की उम्मीद थी। मीडिया की खबरों में बताया कि कुछ यात्री अपने मूल देश नहीं लौटना चाहते थे, इसके चलते विमान के प्रस्थान में देरी हुई।
 
फ्रांस में भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा कि भारतीय यात्रियों को घर लौटने में सक्षम बनाने के लिये मामले के त्वरित समाधान और आतिथ्य सत्कार के वास्ते फ्रांसीसी सरकार और वैट्री हवाई अड्डे का धन्यवाद। साथ ही उनकी (यात्रियों की) सुचारू और सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए मौके पर मौजूद दूतावास टीम के साथ मिलकर काम करने के लिए भी धन्यवाद। भारत में एजेंसियों का भी आभार।’’
 
खबर में बताया गया कि विमान पहले संयुक्त अरब अमीरात में उतरेगा और फिर मुंबई के लिए रवाना होगा।
 
रोमानियाई एअरलाइन ‘लीजेंड एअरलाइंस’ की वकील मी लिलियाना बकायोको के अनुसार, स्थिति कुछ समय के लिए भ्रमित करने वाली रही।
 
उन्होंने ‘बीएफएम टीवी’ से कहा कि कुछ यात्री अपने मूल देश नहीं लौटना चाहते और उन्होंने आज सोमवार सुबह शुरू में विमान में चढ़ने से इनकार कर दिया।
 
बीएफएम टीवी ने कहा, ‘‘कुछ यात्री इस वापसी से नाखुश होंगे, क्योंकि वे योजना के अनुसार निकारागुआ की अपनी यात्रा जारी रखना चाहते हैं।’’
 
वकील ने कहा, ‘‘हमें बहुत राहत है, हम बेसब्री से इसका इंतजार कर रहे थे।’’
 
वकील ने कहा कि कंपनी ‘‘जांचकर्ताओं के लिए उपलब्ध’’ रहेगी, और ‘‘अपने ग्राहक से हर्जाना मांगेगी, क्योंकि उसे काफी नुकसान हुआ है’’।
 
रविवार को हवाई अड्डे को अस्थायी अदालत परिसर में बदल दिया गया और चार फ्रांसीसी न्यायाधीशों ने हिरासत में लिए गए यात्रियों से पूछताछ की।
 
यह सुनवाई ‘‘मानव तस्करी’’ के संदेह में पेरिस अभियोजक के कार्यालय द्वारा शुरू की गई जांच के हिस्से के रूप में आयोजित की गई थी।
 
फ्रांसीसी मीडिया के अनुसार, कुछ यात्रियों ने हिंदी और कुछ ने तमिल भाषा में अपनी बात रखी।
 
विमान के रवाना होने के लिए अधिकृत होने के बाद, रविवार को फ्रांसीसी न्यायाधीशों ने प्रक्रिया में अनियमितताओं के कारण सुनवाई रद्द करने का फैसला किया।
 
यात्रियों में 21 महीने का एक बच्चा और 11 ऐसे नाबालिग शामिल हैं, जिनके साथ कोई नहीं है।
 
विमान के दो यात्रियों की पुलिस हिरासत की शर्तें सोमवार को हटा ली गईं। दोनों व्यक्तियों को अवैध आव्रजन गिरोह में भूमिका निभाने के संदेह में शुक्रवार को हिरासत में लिया गया था। उनकी हिरासत शनिवार को 48 घंटे तक के लिए बढ़ा दी गई थी।
 
लोक अभियोजक के कार्यालय ने कहा कि एक न्यायिक जांच शुरू की गई है। एअरलाइन की वकील ने तस्करी में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया।
 
बकायोको ने कहा कि विमान को किराए पर लेने वाली एक ‘‘साझेदार’’ कंपनी प्रत्येक यात्री के पहचान दस्तावेजों को सत्यापित करने के लिए जिम्मेदार थी, और उड़ान से 48 घंटे पहले यात्रियों की पासपोर्ट जानकारी एअरलाइन को भेजी थी। फ्रांस में मानव तस्करी के लिए 20 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है।
 
खबरों के मुताबिक, भारतीय यात्रियों ने मध्य अमेरिका पहुंचने के लिए यात्रा की योजना बनाई होगी, जहां से वे अवैध रूप से अमेरिका या कनाडा में प्रवेश करने का प्रयास कर सकते थे।
 
हालांकि, एक गुमनाम सूचना में संकेत मिला कि यात्रियों को एक संगठित गिरोह द्वारा ‘‘मानव तस्करी का शिकार बनाए जाने की आशंका’’ है, जिससे अधिकारी सतर्क हो गए। एजेंसियां
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