जानिए चाणक्य नीति की 10 विशेष बातें...
आचार्य चाणक्य प्रकांड विद्वान थे। वे स्वाभिमानी, संयमी, तीक्ष्ण बुद्धि एवं पक्के इरादे वाले युगदृष्टा थे। उनका जीवन 'सादा जीवन उच्च विचार' का सही प्रतीक था, क्योंकि वे जीवन को सादगीपूर्ण जीना पसंद करते थे। चाणक्य का व्यक्तित्व सभी के लिए अनुकरणीय एवं आदर्श है। चाणक्य नीति हम सभी के लिए बहुत उपयोगी है।
आइए जानते हैं चाणक्या नीति की 10 विशेष बातें...
* जिस व्यक्ति के पास दया और धर्म नहीं है उससे दूर रहो।
* जिस पत्नी के चेहरे पर हरदम घृणा है उसे दूर करो। जिन रिश्तेदारों के पास प्रेम नहीं उन्हें दूर करो।
* जब तक शरीर स्वस्थ और आपके नियंत्रण में है। उस समय आत्म साक्षात्कार के लिए उपाय अवश्य ही कर लेना चाहिए, क्योंकि मृत्यु के पश्चात कोई कुछ भी नहीं कर सकता।
* विद्यार्जन करना एक कामधेनु के समान है, जो मनुष्य को हर मौसम में अमृत प्रदान करती है।
* वही पत्नी अच्छी है जो पति को प्रसन्न करने वाली, शुचिपूर्ण, पारंगत, शुद्ध और सत्यवादी है।
* जिस व्यक्ति के घर पुत्र नहीं है उसका घर उजाड़ है। जिसका कोई संबंधी नहीं, उसकी सभी दिशाएं उजाड़ है। मूर्ख व्यक्ति का ह्रदय उजाड़ है। निर्धन व्यक्ति का तो सब कुछ उजाड़ है।
* जिस अध्यात्मिक सीख का आचरण नहीं किया जाता वह जहर के समान है।
* जिस गुरु के पास अध्यात्मिक ज्ञान नहीं है, उसे दूर करो।
* निर्धन व्यक्ति के लिए लोगों का किसी सामाजिक या व्यक्तिगत कार्यक्रम में एकत्र होना जहर है।
* जिसका पेट खराब है उसके लिए भोजन जहर है।