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Last Updated : शुक्रवार, 11 अप्रैल 2025 (10:09 IST)

इंदौर में भीषण गर्मी, तीसरे दिन भी तापमान 41 डिग्री पार, लू से 4 मोरों की मौत

मध्यप्रदेश के 60% हिस्से लू जैसी तपिश की चपेट में हैं। गुरुवार को धार सबसे गर्म शहर रहा। यहां पारा 42.3 डिग्री रहा। इस बीच छिंदवाड़ा, बैतूल, मंडला, बालाघाट, सिवनी और डिंडोरी जिलों में बारिश हुई।

4 peacocks died due to severe heat and heat wave in Indore
Severe heat in Indore: देशभर में भीषण गर्मी (severe heat) का दौर जारी है। मध्यप्रदेश के मालवा प्रांत के इंदौर जिले में भी भीषण गर्मी पड़ रही है। मालवा प्रांत (Malwa province) को अपेक्षाकृत गर्मी के दिनों में ठंडा माना जाता है। लेकिन  इस वर्ष यह भीषण गर्मी की चपेट में है। इसी श्रृंखला में इंदौर में कल गुरुवार को तापमान 41 डिग्री के करीब पहुंच गया है। इस भीषण तापमान से दोपहर में लू जैसे थपेड़े मोर सहन नहीं कर पाए और गुरुवार सुबह कालिंदी कुंज, रालामंडल के पीछे बिहाड़िया, तिल्लौर, चिड़ियाघर के आसपास, रेसीडेंसी एरिया में मोरों के मारे जाने की सूचना मिली थी। 4 मोरों (4 peacocks) की मौत हुई है जबकि कई का इलाज किया जा रहा है। चिड़ियाघर मृत मोर का पोस्टमॉर्टम किया गया। प्रारंभिक रूप से हीट स्ट्रोक की वजह से मौत होने की बात सामने आई है। फिर भी विसरा को जांच के लिए जबलपुर भेजा जाएगा।ALSO READ: इंदौर में लगातार दूसरे दिन 41 डिग्री तापमान, मध्यप्रदेश में रतलाम सबसे ज्यादा
 
प्रदेश के 60% हिस्से लू जैसी तपिश की चपेट में : मध्यप्रदेश राज्य के 60% हिस्से लू जैसी तपिश की चपेट में हैं। गुरुवार को धार सबसे गर्म शहर रहा। यहां पारा 42.3 डिग्री रहा। इस बीच छिंदवाड़ा, बैतूल, मंडला, बालाघाट, सिवनी और डिंडोरी जिलों में बारिश हुई।ALSO READ: इंदौर की कुल आबादी में से 1 लाख से ज्‍यादा लोग गंभीर बीमारियों की चपेट में, ये है वजह, हेल्‍थ रिपोर्ट में खुलासा
 
हर साल होती है मोरों की मौत : प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले कई सालों से मई-जून में अत्यधिक गर्मी की वजह से मोर मारे जा रहे हैं। पिछले साल भी कुछ मोर इसी कारण मर गए थे। तेज धूप और गर्म हवा की वजह से मोर हीट स्ट्रोक का शिकार हो जाते हैं। शरीर गर्म हो जाने डिहाइड्रेशन की वजह से कुछ घंटों में मौत भी हो जाती है। 
 
क्या कहना है डीएफओ प्रदीप मिश्रा का? : डीएफओ प्रदीप मिश्रा का कहना है कि उन सभी स्थानों पर ग्लूकोज का पानी और मक्का रखवा दी जाएगी, जहां पर मोर पाए जाते हैं। रिटायर संयुक्त वन मंडल अधिकारी आरसी चौबे के मुताबिक गर्मी के दिनों में मोर को आंखों से संबंधित बीमारी भी होती है। इस वजह से मोर कमजोर होकर मर जाते हैं। 2010-11 में भी यह बीमारी शहर में उन स्थानों पर फैली थी, जहां मोर पाए जाते हैं।
 
Edited by: Ravindra Gupta