शुक्रवार, 29 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. स्वतंत्रता दिवस
  4. Independence Day- Governor General Lord Mountbatten
Written By WD

लॉर्ड माउंटबेटन की आखिरी चिट्ठी

लॉर्ड माउंटबेटन की आखिरी चिट्ठी - Independence Day- Governor General Lord Mountbatten
FILE
स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन ने भारत छोड़ने से पहले नेहरूजी को एक चिट्ठी लिखी थी। वह चिट्ठी लेडी एडविना और नेहरू के संबंधों में नहीं थी, बल्कि भारत और पाकिस्तान के संबंधों को लेकर यह अंतिम चिट्ठी थी।

भारत और पाकिस्तान की आजादी के साथ ही कश्मीर का मामला उलझा हुआ था, जो कि काफी प्रयासों के बाद भी खत्म नहीं हुआ था।

लॉर्ड माउंटबेटन भारत छोड़ने से पहले इस मसले को खत्म करना चाहते थे इसी सिलसिले में उन्होंने चिट्ठी के माध्यम से नेहरू को लियाकत अली और मोहम्मद अली जिन्ना के साथ कश्मीर मसलों को आपसी तालमेल से खत्म करने का सुझाव दिया।

 

क्या लिखा है उस चिट्ठी में माउंटबेटन ने? अगले पन्ने पर...


FILE

नई दिल्ली
2 नवंबर 1947

मेरे प्रिय प्रधानमंत्री,

मैंने हर दिन काम करते समय यह कोशिश की है कि सभी को मिलाकर साथ चलूं और सबका ध्यान रखूं। मैंने इसी को ध्यान में रखकर मिस्टर लियाकत अली खान और मोहम्मद जिन्ना से साथ-साथ बातचीत की तथा जिन्ना से अकेले में मेरी 3 घंटे से ज्यादा की बातचीत हुई।

मैं आपका आभार व्यक्त करना चाहूंगा कि आपने इन दोनों को उपप्रधानमंत्री बनने का प्रस्ताव दिया। लेकिन यह ज्यादा अच्छा होगा कि इस बात को बिना मेरी इजाजत के आप दूसरों को नहीं बताएं, क्योंकि यह पूरी बातचीत का आधार अनधिकृत और अनौपचारिक था।

जब हम सब मिलें तो इसमें कोई संदेह नहीं था कि जिन्ना और लियाकत यह महसूस कर रहे थे कि शुरू से लेकर अंत तक जान-बूझकर इसे लंबा खींचा गया और हमें भ्रमित किया गया ताकि कश्मीर का बंटवारा न हो, वह जैसा है उसी तरह छोड़ दिया जाए।

हमने बहुत प्रयास किया कि दोनों के इस भ्रम को दूर किया जाए, मगर इसकी कोई गारंटी नहीं कि हम इसमें कामयाब हुए। इस लंबी बातचीत के आधार पर मैंने एक रफ नोट तैयार किया है और उसी के आधार पर आपको एक सलाह देता हूं कि आपको इस तरह की आपसी लड़ाई से बचने के लिए लियाकत अली के पास टेलीफोन मसौदा तैयार कर भेजना चाहिए। संभवत: आपको और उपप्रधानमंत्री को कल सुबह रक्षा समिति के बाद चर्चा के लिए रहना होगा।

मैं आपको बधाई देता हूं जिसे मैं अभी पढ़ा है जिसमें आपने मिस्टर जिन्ना के हड़ताल करने जैसी बयानों का जवाब दिया है।

आपका विश्वासी
बर्मा से माउंटबेटन