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Written By WD Feature Desk
Last Updated : शुक्रवार, 21 मार्च 2025 (11:16 IST)

21 मार्च, अंतरराष्ट्रीय कविता दिवस: जानें महत्व, उद्देश्य, 2025 की थीम और विद्वानों की नजर से

21 मार्च, अंतरराष्ट्रीय कविता दिवस: जानें महत्व, उद्देश्य, 2025 की थीम और विद्वानों की नजर से - World Poetry Day 2025 Date
World Poetry Day 2025 : हर साल 21 मार्च को विश्व कविता दिवस या अंतरराष्ट्रीय कविता दिवस मनाया जाता है। इस दिन को यूनेस्को ने 1999 में कविता के पठन, लेखन, प्रकाशन और शिक्षण को बढ़ावा देने के लिए घोषित किया था। विश्व कविता दिवस कविता के महत्व को पहचानने और उसका जश्न मनाने का एक अवसर है। यह हमें कविता की सुंदरता और शक्ति का अनुभव करने का अवसर भी देता है। आइए जानते हैं... 
 
कविता दिवस का इतिहास और महत्व- आपको बता दें कि पहली बार यूनाइटेड नेशंस एजुकेशनल, साइंटिफिक एंड कल्चरल ऑर्गेनाइजेशन (यूनेस्को UNESCO) ने 1999 में पेरिस में अपने 30वें आम सम्मेलन के दौरान इस दिन की घोषणा की थी तथा 21 मार्च को विश्व कविता दिवस के रूप में अपनाया था।

कविता लेखन भावनाओं की अभिव्यक्ति का एक शक्तिशाली माध्यम है। यह हमें दुनिया को एक नए दृष्टिकोण से देखने में मदद करती है। यह हमें अपनी रचनात्मकता को व्यक्त करने और अपनी कल्पना को उड़ान देने का अवसर देती है। 
 
कविता हमें कठिन समय में सांत्वना और प्रेरणा प्रदान कर सकती है। यह हमें अपनी संस्कृति और विरासत से जोड़ती है। अंतरराष्ट्रीय कविता दिवस भाषाई विविधता का उत्सव का दिन होने के कारण यह विभिन्न भाषा और संस्कृतियों में लिखी गई कविताओं को बढ़ावा देने का कार्य करता है। दुनियाभर में आज के दिन यानी इस अवसर पर साहित्यिक गोष्ठी, काव्य प्रतियोगिताओं तथा कवि सम्मेलन तथा स्कूलों में कविताओं के संबंध में विविध आयोजन किया जाता है। 
 
अंतरराष्ट्रीय कविता दिवस 2025 की थीम: इस वर्ष विश्व कविता दिवस 2025 की थीम 'शांति और समावेशन के सेतु के रूप में कविता' (Poetry as a Bridge for Peace and Inclusion)। तय की गई है, जिसका उद्देश्य कविताओं के जरिए विश्व में शांति, सद्भाव और समावेशिता को बढ़ावा देना है। 
 
विद्वानों की नजर से: 
 
1. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम- बहुत अधिक प्रसन्नता या गहरे दर्द से आती है कविता।
 
2. हजारी प्रसाद द्विवेदी- मनुष्य की सर्वोच्चतम अभिव्यक्ति का नाम कविता है।
 
3. शेक्सपियर- एक काव्यकार तब तक अपनी कलम नहीं चलाता, जब तक स्याही प्रेम की आहों में सराबोर नहीं हो जाती।
 
4. रामधारी सिंह दिनकर- काव्य वो गहरी सुरंग है, जिसके अंदर व्यक्ति एक संसार का त्याग कर दूसरे संसार में प्रवेश करता है।
 
5. वुड्सवर्थ- कविता सभी ज्ञान का आदि व अंत है, यह उतना प्राचीन और अमर है जितनी की आत्मा।
 
6. पुरुषोत्तम दास टंडन- कविता इस प्रकृति का सौंदर्य है।
 
7. रामधारी सिंह दिनकर- काव्य शब्द नहीं शांति है, कोलाहल नहीं मौन है।
 
8. जयशंकर प्रसाद- काव्य अनंत पुण्य का प्रतिफल है।
 
9. प्लेटो- कविता इतिहास से बढ़कर सत्य के अधिक निकट होती है।
 
10. महावीर प्रसाद द्विवेदी- काव्य स्वाभाविक गुण है, इसे अभ्यास द्वारा प्राप्त नहीं किया जा सकता।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: 21 मार्च: 2025 में क्या है विश्व वानिकी दिवस की थीम, जानिए इस दिन का इतिहास