International Day Against Drug: हर साल 26 जून को विश्व नशा निरोधक दिवस मनाया जाता है। यह दिन नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को समर्पित है। इसका मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में मादक द्रव्यों के सेवन से उत्पन्न होने वाली प्रमुख समस्याओं के बारे में जागरूकता बढ़ाना और एक ऐसे समाज का निर्माण करना है जो नशीली दवाओं से मुक्त हो।
इतिहास, थीम और उद्देश्य : संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने 7 दिसंबर 1987 को एक प्रस्ताव पारित कर 26 जून को अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस के रूप में घोषित किया था। पहली बार यह दिन साल 1989 में मनाया गया था और उसके बाद से हर साल इस दिन को मनाया जा रहा है। हर साल, संयुक्त राष्ट्र ड्रग्स और अपराध कार्यालय (UNODC) इस दिवस के लिए एक विशेष थीम निर्धारित करता है। यह थीम नशीली दवाओं की समस्या के एक विशिष्ट पहलू पर ध्यान केंद्रित करती है और वैश्विक समुदाय को उस दिशा में काम करने के लिए प्रेरित करती है।
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इस दिवस को मनाने के पीछे कई महत्वपूर्ण उद्देश्य हैं:
• जागरूकता बढ़ाना: नशीली दवाओं के सेवन से होने वाले शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आर्थिक नुकसान के बारे में लोगों, खासकर युवाओं को जागरूक करना।
• रोकथाम को बढ़ावा देना: नशीली दवाओं की लत को रोकने के लिए प्रभावी रणनीतियों और कार्यक्रमों को लागू करने के लिए सरकारों, समुदायों और व्यक्तियों को प्रोत्साहित करना।
• उपचार और पुनर्वास: नशीली दवाओं के आदी व्यक्तियों के लिए उचित उपचार और पुनर्वास सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करना।
• अवैध तस्करी पर रोक: नशीली दवाओं की अवैध खेती, उत्पादन और तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग और कार्रवाई को मजबूत करना।
• साक्ष्य-आधारित दृष्टिकोण: नशीली दवाओं की समस्या से निपटने के लिए वैज्ञानिक साक्ष्य और मानवाधिकारों पर आधारित नीतियों को बढ़ावा देना।
नशे के दुष्प्रभाव :नशीली दवाओं का सेवन केवल व्यक्ति विशेष को ही नहीं, बल्कि उसके परिवार, समाज और पूरे देश को प्रभावित करता है:
• शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य: लत लगने से शरीर के महत्वपूर्ण अंग जैसे लिवर, किडनी, मस्तिष्क और हृदय प्रभावित होते हैं। मानसिक स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर पड़ता है, जिससे अवसाद, चिंता और अन्य मानसिक विकार हो सकते हैं।
• सामाजिक और आर्थिक प्रभाव: नशा करने वाले व्यक्ति अक्सर अपराध, गरीबी और सामाजिक अलगाव का शिकार हो जाते हैं। इससे परिवार टूटते हैं और समाज में अशांति बढ़ती है।
• अपराध और हिंसा: अवैध नशीली दवाओं का व्यापार अक्सर संगठित अपराध, हिंसा और भ्रष्टाचार से जुड़ा होता है। बता दें कि इन दिनों युवा वर्ग ही नशे से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं और हर नशा सेहत और मेंटल हेल्थ पर अधिक ज्यादा प्रभाव डालता है।
इस अवसर पर हम क्या कर सकते हैं: यह दिवस केवल सरकार या एजेंसियों की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर व्यक्ति इसमें योगदान दे सकता है। जैसे- जागरूकता फैलाएं: अपने आस-पास के लोगों, खासकर बच्चों और युवाओं को नशे के दुष्परिणामों के बारे में बताएं। स्वयं नशे से बचें और एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। यदि आपके परिचित में कोई नशे की लत से जूझ रहा है, तो उसे इलाज के लिए प्रोत्साहित करें। तथा नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने और अपराधियों को दंडित करने वाली सरकारी नीतियों और कानूनों का समर्थन करें।
इस तरह हम समझ सकते हैं कि विश्व नशा निरोधक दिवस हमें एक बार फिर यह संकल्प लेने का अवसर देता है कि हम एक ऐसे समाज का निर्माण करें जहां हर व्यक्ति स्वस्थ, सुरक्षित और नशामुक्त जीवन जी सके।
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