eating curd in monsoon: बारिश का मौसम आते ही गरमागरम पकौड़े, समोसे और चाय की याद सताने लगती है। लेकिन इस मौसम में खाने-पीने को लेकर कई तरह के मिथक और भ्रांतियां भी सामने आती हैं। ऐसा ही एक सवाल है - क्या बारिश में दही खा सकते हैं? कई लोग मानते हैं कि बारिश में दही खाने से सर्दी-खांसी, जुकाम या पेट की समस्या हो सकती है। तो आइए जानते हैं इस सवाल का वैज्ञानिक और आयुर्वेदिक जवाब, ताकि आप बेझिझक अपनी पसंदीदा दही का लुत्फ उठा सकें।
बारिश और दही
बारिश के मौसम में नमी बढ़ जाती है और हवा में ठंडक घुल जाती है। इसी कारण कई लोग मानते हैं कि दही, जिसकी तासीर ठंडी होती है, इस मौसम में शरीर को और ठंडा कर सकती है, जिससे बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। खासकर, गले में खराश या सर्दी-खांसी से पीड़ित लोग दही खाने से परहेज करते हैं।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण: क्या कहती है रिसर्च?
वैज्ञानिक रूप से ऐसा कोई ठोस प्रमाण नहीं है जो यह साबित करे कि बारिश में दही खाने से स्वास्थ्य संबंधी कोई विशेष समस्या होती है। दही प्रोबायोटिक्स का एक बेहतरीन स्रोत है, जो हमारे पेट के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। ये अच्छे बैक्टीरिया पाचन तंत्र को मजबूत करते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity) को बढ़ाते हैं। बारिश के मौसम में जब वायरल इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है, ऐसे में मजबूत इम्युनिटी का होना बेहद जरूरी है।
हाँ, कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है:
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ताजा दही: हमेशा ताजी दही का सेवन करें। बासी दही में हानिकारक बैक्टीरिया पनप सकते हैं, जो पेट खराब कर सकते हैं।
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फ्रिज में रखें: दही को सही तापमान पर फ्रिज में स्टोर करें ताकि वह खराब न हो।
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कम ठंडा: बहुत ज्यादा ठंडी दही खाने से बचें। इसे कमरे के तापमान पर आने दें या हल्का गुनगुना करके खाएं।
आयुर्वेदिक दृष्टिकोण: वात, पित्त और कफ का संतुलन
आयुर्वेद में किसी भी खाद्य पदार्थ के सेवन से पहले शरीर की प्रकृति (वात, पित्त, कफ) और मौसम का ध्यान रखा जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, बारिश के मौसम में वात दोष बढ़ जाता है। दही की तासीर ठंडी होने के कारण यह वात को बढ़ा सकती है, जिससे जोड़ों के दर्द या गैस जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।
लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि दही बिल्कुल नहीं खानी चाहिए। आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार:
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कम मात्रा में: बारिश में दही का सेवन सीमित मात्रा में करें।
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रात में परहेज: रात में दही खाने से बचें, क्योंकि यह कफ को बढ़ा सकती है, जिससे सर्दी-खांसी या गले में खराश हो सकती है। दिन के समय इसका सेवन करें।
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मसालों के साथ: दही को सीधा खाने के बजाय इसमें भुना जीरा, काली मिर्च, सेंधा नमक या अदरक जैसी चीजें मिलाकर खाएं। ये मसाले दही की ठंडी तासीर को संतुलित करते हैं।
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छाछ बेहतर विकल्प: अगर आपको दही से जुड़ी कोई परेशानी महसूस होती है, तो दही की जगह छाछ (मट्ठा) का सेवन कर सकते हैं। छाछ हल्की होती है और पाचन के लिए अच्छी मानी जाती है।
कुल मिलाकर, यह कहना गलत होगा कि बारिश में दही बिल्कुल नहीं खानी चाहिए। अगर आप स्वस्थ हैं और आपको दही से कोई विशेष एलर्जी या पाचन संबंधी समस्या नहीं है, तो आप बारिश में भी दही का आनंद ले सकते हैं। बस कुछ बातों का ध्यान रखें:
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ताजी और सही ढंग से स्टोर की गई दही खाएं।
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रात के बजाय दिन में सेवन करें।
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बहुत ज्यादा ठंडी दही खाने से बचें।
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मसालों के साथ खाएं ताकि इसकी तासीर संतुलित हो सके।
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अगर आपको कोई स्वास्थ्य संबंधी चिंता है, तो अपने डॉक्टर या आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह लें।
तो अगली बार जब बारिश में आपका दही खाने का मन करे, तो बेझिझक खाएं, बस थोड़ी सावधानी बरतें। स्वस्थ रहें और स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लें!
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