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Last Updated : बुधवार, 20 सितम्बर 2023 (13:12 IST)

Health Tips : जावित्री का सेवन कैसे करें, 10 फायदे जानकर चौंक जाएंगे

Health Tips : जावित्री का सेवन कैसे करें, 10 फायदे जानकर चौंक जाएंगे - Javitri ke fayde
Benefits of eating mace: कई लोग जायफल को ही जावित्री समझते जबकि जायफल और जावित्री में अंतर है। जायफल के अंदर गुठली अथवा बीज होता है, जबकि जावित्री की गुठली पर जालीदार परत (बीजचोल) होती है। जायफल को अंग्रेजी में नटमेग (nutmeg) और जावित्री को मेस (mace) कहते हैं। आओ जानते हैं कि जावित्री का उपयोग कैसे किया जाता है और क्या है इसके फायदे।
 
जावित्री का सेवन कैसे करते हैं- How to consume mace?
  • जावित्री एक बेहतरीन गरम मसाला है। यानी इसकी तासीर गरम होती है।
  • इसका उपयोग सब्जी या दाल में डालकर किया जाता है। 
  • इसका उपयोग मिठाई, पुडिंग, मफिन, केक और ब्रेड बनाने में भी करते हैं।
  • अचार और सॉस बनाने भी इसका इस्तेमाल होता है।
  • सूप, मसाला चाय और मसाला दूध बनने में भी इसका उपयोग होता है।
 
नोट : जावित्री का अधिक मात्रा में सेवन नुकसानदायक हो सकता है, क्योंकि इसमें मिरिस्टिसिन नामक केमिकल होता है। शोधानुसार यह मतिभ्रम (Hallucination) जैसी मानसिक परेशानी का कारण बन सकता है। इसलिए इसका उचित मात्रा में ही उपयोग किया जाना चाहिए। 
जावित्री खाने के फायदे क्या है- What are the benefits of eating mace?
 
1. जावित्री का उचित मात्रा में सेवन करने से पाचन तंत्र में सुधार होता है। कब्ज और एसिडिटी जैसे रोग दूर होते हैं।
 
2. दांतों और मसूड़ों के लिए फायदेमंद है यह। स्ट्रेप्टोकोकस म्यूटंस नामक बैक्टीरिया दांत और मसूड़ों को खराब करता है। जावित्री में मैक्लिग्नन (macelignan) में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो उक्त बैक्टीरिया को खत्म कर देते हैं।
 
3. किडनी की सुरक्षा के लिए जावित्री कारगर है। इसमें मौजूद मैक्लिग्नन (macelignan) नामक यौगिक किडनी के ऊतकों को क्षति से यानी इस्केमिया-रेपरफ्यूजन इंजरी से बचाता है।
 
4. लिवर के लिए भी यह फायदेमंद है क्योंकि इससे प्राप्त मैक्लिग्नन में हेपटोप्रोटेक्टीवे (Hepatoprotective) गुण पाए जाते हैं, जो लिवर को स्वस्थ रखने का काम कर सकते हैं।
 
5. जावित्री के सेवन से डायबिटीज की समस्या कुछ हद तक कम की जा सकती है। हालांकि इसका उपयोग करते रहने से डायबिटीज नहीं होती है, क्योंकि जावित्री अल्फा-एमिलेस (alpha-amylase) नामक एंजाइम को नियंत्रित करके ब्लड में शुगर को कम कर सकती है।
 
6. रूमेटाइड अर्थेराइटिस (rheumatoid arthritis) की समस्या में भी जावित्री लाभादायक है क्योंकि इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। रूमेटाइड अर्थराइटिस गठिया का ही एक प्रकार होता है। इसमें हड्डियां भी कमजोर हो जाती है।
 
7. हृदय रोग की रोकथाम के लिए भी जावित्री फायदेमंद है क्योंकि इसमें एरिथ्रो एसीटॉक्सी टेट्रामेथोक्सी निओलिग्नान (EATN) नामक एक तत्व पाया जाता है, जिसमें एंटी प्लेटलेट गतिविधि पाई जाती है। जिससे रक्त वाहिनियों में खून का बहाव बिना बाधा के चलता रहता है।
 
8. मोटापा के घटाने भी यह कारगर है क्योंकि इसके इथेनॉल अर्क में टेट्रा हाइड्रो फ्यूरेंस, लिग्नान, सैपोनिन, टैनिन, फ्लेवोनोइड और पॉलीफेनोल जैसे प्राकृतिक तत्व पाए जाते हैं, जिनमें मोटापा कम करने की शक्ति रहती है। यह पाचन को सही रखकर मोटापे को रोकता है।
 
9. जावित्री के उचित सेवन से चेहरे की त्वचा चमकदार बनती है। इससे कोलेस्ट्रॉल कम होता है और पेट साफ रहता है जिसके चलते चेहरा चमकता है। इसी के साथ ही इसमें मौजूद मैक्लिग्नन (macelignan) त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों से होने वाले नुकसान से बचाता है। 
 
10. यह नींद बढ़ाने में भी सहायक है क्योंकि इसके अर्क के सेवन से अनिद्रा की परेशानी काफी हद तक ठीक हो जाती है। इससे आरामदायक नींद आती है।
 
इसके अलावा भी जावित्री के और भी कई फायदे हैं। जैसे भूख बढ़ाना, सर्दी जुकाम, जोड़ों का दर्द, सूजन आदि। 
 
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