शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. साहित्य
  3. काव्य-संसार
  4. तुम्हारे जाने का अहसास
Written By स्मृति आदित्य

तुम्हारे जाने का अहसास

फाल्गुनी

Love poem | तुम्हारे जाने का अहसास
ND
सिर्फ, एक छोटा-सा पल
तुम्हें लेकर आया मुझ तक,
और जैसे मैंने जी लिया एक पूरा युग।

उस एक संक्षिप्त पल में
गुजरी मुझ पर एक साथ
भीनी हवाओं की नर्म थपकियाँ
मीठी शीतल सावन बूँदें और
बिखरी कच्ची टेसू पत्तियाँ...

ND
कानों में घुलती रही
तुम्हारी नीम गहरी आवाज
आँखों में चमकती रही
तुम्हारी शहदीया दो आँख।

अँगुलियों में महकता रहा
तुम्हारे जाने का अहसास
दिल की गुलमोहर बगिया में
खिली देर तक एक सुहानी आस।

सामने थे तब कितनी दूर थे तुम
अब जब कहीं नहीं हो तब
कितने पास....बनकर खास!
एक मधुरिम प्यास..!