- लाइफ स्टाइल
- साहित्य
- काव्य-संसार
- Where is life?
कविता : जीवन सत्य कहां?
झूठे मंदिर
झूठे मस्जिद
झूठे चर्च यहां।
कोई ना समझे
कोई ना जाने
कोई ईश्वर है कहां?
पाषाण मूरत
पाषाण सूरत
पाषाण हृदय लिए।
अपराध निरंतर
अपराध भयंकर
अपराधी भाव लिए।
डरता जमाना
डरता फसाना
डरता गुलजार यहां।
जीवन है पतझड़
जीवन है पिंजरा
जीवन सत्य कहां?