गुरुवार, 26 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. साहित्य
  3. काव्य-संसार
  4. Hindi Poem on Uttarayan

उत्तरायण पर कविता : मन की मकर राशि में छा जाओ देव बनकर

उत्तरायण पर कविता : मन की मकर राशि में छा जाओ देव बनकर - Hindi Poem on Uttarayan
उत्तरायण 
 
कि देखो,
 
फागुन भी टोह ले रहा
 
और खेतों की मेड़ पर
 
उग आईं हैं
 
टेसू चटकाती
 
सुर्ख होती डालियां 
 
तो किसी शीत भरी
 
पर गुनगुनी शाम की तरह
 
गुज़र जाओ इस गली
 
अंजुली भर गरमाहट लेकर
 
आभासों के मेरे सूरज
 
मन की मकर राशि में
 
छा जाओ देव बनकर
 
तुम्हारी उष्मा
 
भय के तमाम कपाटों को 
 
पिघलाकर
 
भर देगी आत्मा के घाव
 
और क्षत-विक्षत
 
भीष्म की देह सी
 
शूलों की शय्या पर
 
पड़ी आस पा जाए मोक्ष 
 
हो जाए उत्तरायण...
ये भी पढ़ें
क्या आप जानते हैं कपूर के तेल के 8 करिश्माई फायदे?