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नई शिक्षा नीति थोपने की नहीं अपितु ज्ञान को बांटने की नीति है

नई शिक्षा नीति थोपने की नहीं अपितु ज्ञान को बांटने की नीति है - new education policy
नई शिक्षा नीति को समाज में एवं छात्रों के बीच विस्तृत रूप में रखने के लिए मित्र मेला वेलफेयर सोसाइटी एवं नेहरू युवा केंद्र, इंदौर (युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय, भारत सरकार)  के द्वारा तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला अयोजित की जा रही है।

जिसमें तीसरे दिन दो सत्र आयोजित कराए गए। पहले सत्र में नई शिक्षा नीति के 5+3+3+4 की संकल्पता के ऊपर डॉ सचि‍न शर्मा (अभाविप राष्ट्रीय कार्यकाणी सदस्य) ने प्रकाश डाला। एवं नई शिक्षा नीति में विद्यालय शिक्षा व्यवस्था में आने वाले बदलावों को बताया।

दूसरे सत्र में आईआईएम इंदौर के निदेशक डॉ हिमांशु राय ने "भारतीय ज्ञान परंपरा और एनईपी 2020" के ऊपर विस्तार में बताया। डॉ राय ने भारतीय ग्रन्थों की कथनों के माध्यमों से आने वाली शिक्षा नीति को जोड़ते हुए ज्ञान परंपरा को बताया। साथ ही कहा कि नई शिक्षा नीति थोपने की नहीं अपितु ज्ञान को बांटने की नीति है।

मित्र मेला द्वारा आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ विवेक आर्य ने की। समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में इंदौर सांसद शंकर लालवानी मौजूद रहे। एवं उन्होंने आयोजकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मित्र मेला जैसे संघठन, समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन लाने की शक्ति रखते हैं।

समापन कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांत सह कार्यवाह  विनीत मराठे उपस्थित रहे। उन्होंने विश्वास जताया की मित्र मेला द्वारा आयोजित इस तीन दिवसिय राष्ट्रीय कार्यशाला के चलते समाज में नई शिक्षा नीति की पूर्ण जानकारी पहुंचेगी।

डॉ प्रवीण चौरे ने मित्र मेला द्वारा किए गए समाज कार्य एवं लॉकडाउन के दौरान व्यव्स्था बनाए रखने मे सहयता के साथ ही युवाओं के लिए हमेशा कार्य करने की बात को स्‍पष्‍ट किया गया एवं युवाओं के लिए आगे भी कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। यह जानकारी आईआईएम इंदौर के डारेक्टर प्रोफेसर हिमांशु राय ने दी।
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