मैं और मेरा मोटापा
अक्सर ये बातें करते हैं..
तुम न होते तो कैसा होता
मैं साइज़ ज़ीरो कहलाता,
मैं टूथपिक जैसे दिखता
मैं आइसक्रीम देखकर हैरान होता
मैं मोटों को देखकर कितना हंसता
तुम न होते तो ऐसा होता,
तुम न होते तो वैसा होता
मैं और मेरा मोटापा
अक्सर ये बातें करते हैं
ये रबड़ी है
या चांदनी ज़मीन पर उतरी हुई है
है गुलाबजामुन या
पेट को खेलने के लिए गोलियां मिली हैं
ये पास्ता है या मेरी रसना की चाहत
पिज्जा है या चांद का दर्शन
हवा का झोंका है,
या भजियों के तलने की महक
यह आलू वेफर्स की है सरसराहट, कि तुमने चुपके से कुछ कहा है..
यह सोचता हूं मैं कब से गुमसुम
जबकि मुझको भी यह खबर है
कि तुम यहीं हो, यहीं कहीं हो
मगर यह दिल है कि कह रहा है
कि तुम नहीं हो, यहां नहीं हो।
मजबूर यह हालत
मन में भी है तन में भी
डायटिंग की एक रात
इधर भी है उधर भी
करने को बहुत कुछ है
मगर कैसे करें हम
कब तक यूं हीं भूखे
और वर्कआउट करते रहें हम
दिल कहता है दुनिया की हर एक मीठी चीज़ चख लें
दीवार जो हम दोनों में है आज गिरा दें
क्यूं दिल में सुलगते रहें, लोगों को बता दें
हां हमको मोहब्बत है, मोहब्बत है, मोहब्बत है
अपने मोटापे से हमको मोहब्बत है!