एक रंगीले रामलाल अरोड़ा जी थे। उनकी दोस्ती एक सुंदर महिला से फेसबुक पर हो गयी।
गुड मॉर्निंग, nice pic , wow, से आगे कुछ बातें इनबॉक्स में भी होने लगी।
अरोड़ा जी खुश रहने लगे। रोज़ इधर उधर से फेसबुकिया फूल भेज देते।
एक दिन उनके मन की हो गयी।
इनबॉक्स में नंबर मांग लिया महिला ने।
अब क्या था। व्हाट्सअप शुरू।
जनाब रोमांटिक मैसेज भेजने लगे।
अरे फेसबुक पर महिला आपकी पोस्ट लाइक भर कर ले तो आप स्वयं को शाहरुख खान के अवतार समझने लगते हो। और अगर इस उम्र में फ्रेंड रिक्वेस्ट आ जाये तो कहना ही क्या।
खैर...एक दिन महिला ने फ़ोन लगा लिया: "जल्दी आ जाओ..मेरे पति बाहर गए हैं।"
जनाब बिजली की स्पीड से पहुंच गए।
बात शुरू होने से पहले ही अरोड़ा साहब ने पूछा: “तुम्हारे पति आ गए तो?”
महिला बोली: “नहीं आएंगे और अगर आ भी जाएं तो तुम कालीन साफ करने लगना, थोड़ी देर में चले जायेंगे। वरना टेबल,पंखे साफ करते रहना”
ये बात चल ही रही थी कि डोर बेल बज गई। पतिदेव आ गए।
जनाब अरोड़ा जी घबरा कर अपना रुमाल निकाल कर टेबल साफ करने लगे।
महिला ने झाड़ू, फटका, डस्टर, वाइपर ला कर पटक दिया।
“लो साफ करो”
पति ने “पूछा कौन है ये।”
पत्नी बोली।
सफाई के लिए हाउसकीपिंग कम्पनी ने भेजा है।
सफाई चलती रही। एक पुराने कप में सफाई वाले अरोड़ा जी को चाय भी मिली
पंखे, खिड़कियों, कालीनों आदि की सफाई के बाद बुरी तरह थके हारे जनाब अरोड़ा जी बोले:
“जाऊं मैडम”.
क्योंकि पतिदेव तो खिसकने का नाम ही नहीं ले रहे थे।
मैडम बोली: ओके।
हस्बैंड ने कहा , “पैसे कितने देना है”
पत्नी मुस्कुराते हुए बोली
इनकी कंपनी में एडवांस जमा कर दिया था।
बाहर निकलते ही अरोड़ा साहब को उनके मित्र खन्ना साहब मिल गये और छूटते ही बोले.. कर आए सफाई अरोड़ा साहब... पिछले हफ्ते मुझसे करवाई थी....
फिलहाल अरोड़ा जी ने अब फेसबुक से दूरी बना ली है...दिवाली नजदीक है इसलिए ऐसे जालसाजों से सावधान रहें.. या फिर रुमाल लेकर सफाई करने के लिए तैयार रहें...जनहित में जारी