इससे अच्छा चुटकुला हो ही नहीं सकता : सब्जी वाले की डायरी औरतों ने चुराई
एक सीधा सादा मालवी सब्जी वाला मोहल्ले में सब्जी बेचता था।
बहुत सी महिलाएं उससे उधार में सब्जी लेती ओर वो चुप चाप दे देता और अपनी कॉपी में लिख लेता...
किसने कितने का उधार लिया....
आश्चर्य की बात यह थी कि वह नाम किसी का नहीं जानता था।
फिर भी वो कॉपी छुपकर देखता और बता देता था की किसका कितना पैसा बचा है।
एक दिन उसकी नजरों से छिपाकर उसकी कॉपी कुछ महिलाओं ने गायब कर ली....
देखी तो पसीना आ गया....
लिखा था....
*नकटी 18 रु*
*काबरी 15 रु*
*गोरीगट 90 रु*
*कंजुसण 42रु*
*कम जाडी 40 रु*
*ज्यादा जाडी* *45 रु*
*सावली 20 रु*
*पातली 10 रु*
*वांदरी 35 रु*
*बड़बडी 12 रु*
*दात्री 10रु*
*अगरबत्ती 75रु*
*मुंढी 15 रु*
*ढोकरी 28रु*
*बेरी60रु*
*भुक्कड 30रु*