कई साहित्यकारों ने इस समृद्धशाली भाषा को उन्नति के शिखर तक पहुँचाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। इनमें से आचार्य रामचंद्र शुक्ल, भारतेंदु हरिशचंद्र, जयशंकर प्रसाद, महावीर प्रसाद द्विवेदी, बिहारी, केशव, पद्माकर आदि प्रमुख हैं।
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