साहित्य के क्षेत्र में देय पुरस्कार
साहित्य अकादमी पुरस्कार- साहित्य के क्षेत्र में हो रहे सृजनात्मक कार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए भारत सरकार ने साहित्य अकादमी संस्था की स्थापना की। 12 मार्च 1954 में स्थापित इस संस्था की ओर से 22 भाषाओं में पुरस्कार दिया जाता है। 1955 में साहित्य अकादमी पुरस्कारों की शुरुआत हुई थी। 1955 में माखनलाल चतुर्वेदी को उनकी कविता 'हिम-तरंगिनी के लिए साहित्य अकादमी दिया गया था। 2005 में मनोहर श्याम जोशी को 'क्या
प' उपन्यास के लिए पुरस्कार मिला था। श्लाका सम्मान- हिन्दी अकादमी की ओर से हर वर्ष श्लाका सम्मान भाषा, साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदान किया जाता है। दिल्ली सरकार की ओर से प्रदान किए जाने वाले इस पुरस्कार की राशि 51,000 रुपए है। भारत-भारती- साहित्य के क्षेत्र में प्रदान किया जाने वाले भारत-भारती पुरस्कार के तहत 1 लाख रुपए की राशि, शॉल और स्मृति चिह्न भेंट किया जाता है। यह पुरस्कार हिन्दी के उन साहित्यकारों को प्रदान किया जाता है, जिन्होंने हिन्दी को नई दिशा और नई ऊँचाइयाँ प्रदान की। व्यास सस्मान- के.के. बिरड़ा फाउंडेशन की ओर से प्रति वर्ष व्यास सम्मान प्रदान किया जाता है, जिसके तहत डेढ़ लाख रुपए की राशि
और शॉल दी जाती है।
भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार- यह पुरस्कार उर्दू शायर फिराक गोरखपुरी के सम्मान में शुरू किया गया था। साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए इसे प्रदान किया जाता है। विभिन्न भारतीय भाषाओं में उत्कृष्ट रचना के लिए इसके तहत 5 लाख रुपए की राशि दी जाती है। 1968 में सुमित्रानंदन पंत को चिदंबरा के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया गया था।