विश्व किडनी दिवस आज
मरीज भ्रम में पड़कर खराब कर लेते हैं किडनी
विश्व किडनी दिवस की शुरूआत दो साल पहले हुई थी। 2006 से मनना शुरू हुए इस दिवस का मुख्य उद्देश्य लोगों को किडनी संबंधी रोगों के प्रति जागरूक करना और समस्या का निदान करना है। इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ किडनी डिसीजेस और इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजी द्वारा लगातार बढ़ रही किडनी डिसीज को बढ़ता देख यह दिवस मनाने का निर्णय लिया गया। यह प्रत्येक वर्ष मार्च माह के दूसरे गुरूवार को मनाया जाता है। विश्व किडनी दिवस पर हम कुछ रोचक तथ्य आपके सामने प्रकट कर रहें हैं जो निश्चित तौर पर उत्तम स्वास्थ्य में जागरूकता फैलाने में सहायक सिद्ध होगा।किडनी के पूर्व के लक्षण किडनी के निश्क्रिय होने के कई कारण होते हैं पर मूल कारण जो हम भारतीयों में पाया गया है वह है लापरवाही या उपचार की व्यापक व्यवस्था का न होना। वर्तमान में उपचार की तो व्यापक व्यवस्था हो चुकी है पर अभी भी लापरवाही को कम नहीं किया जा सका है। किडनी से संबंधित बीमारियों में गुर्दे में पथरी होना, गुर्दे का कैंसर और गुर्दे का निश्क्रिय होना है। इन तीनों ही परिस्थितियों में समय रहते अगर उपचार करा लिया जाए तो किडनी को बचाया जा सकता है। |
इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ किडनी डिसीजेस और इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजी द्वारा लगातार बढ़ रही किडनी डिसीज को बढ़ता देख यह दिवस मनाने का निर्णय लिया गया। यह प्रत्येक वर्ष मार्च माह के दूसरे गुरूवार को मनाया जाता है। |
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गुर्दे में पथरी के लक्षण - दर्द, बुखार, उल्टी, पेशाब में खून आना व जलन होना हैं। किडनी कैंसर के लक्षण - दर्द, पेट के बाजुओं में भारीपन, बुखार व पेशाब में खून आना है। बात अगर किडनी फैल की करें तो ऐसी परिस्थिति में पीड़ित को उल्टी या उबकाई आती है, चेहरे और पैरों पर सूजन रहती है तथा पेशाब की मात्रा कम हो जाती है। किडनी फैल होने के कारणों में डायबिटीज या ब्लड प्रेशर का होना बहुत मायने रखता है। इसके अलावा पथरी भी किडनी डेमेज कर उसे फैल कर देती है। इसके अलावा किडनी से संबंधित कई रोग ऐसे भी हैं जिनके कोई संकेत नहीं होते। बहुत गंभीर समस्या है यह