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Written By ND

कॉस्मेटिक सर्जरी काले मसूड़ों की

कॉस्मेटिक सर्जरी काले मसूड़ा शहर की ख्यात दंत चिकित्सक हैं। कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में शिरकत कर चुकी हैं। कई  पत्रिकाओं में शोधपत्र प्रकाशित हो चुके हैं।
- डॉ. लीना श्रीवास्त

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काले मसूड़े एक आम समस्या है जिससे लोग परेशान रहते हैं। न तो मुँह खोलकर हँस सकते हैं और न चार लोगों की महफिल में ठहाके लगा सकते हैं। सुंदर दंत पंक्ति एवं स्वस्थ गुलाबी मसूड़े किसी के भी व्यक्तित्व में चार चाँद लगा सकते हैं।

कई लोगों के मसूड़े बड़े और दाँत छोटे होते हैं जो मुस्कुराते समय बड़े ही भद्दे दिखाई देते हैं। ऐसे मरीजों का इलाज सर्जरी से संभव है। आमतौर पर लोग दाँतों की बनावट के साथ मसूड़ों की स्थिति पर ज्यादा गौर नहीं करते जबकि मसूड़े सुंदर दिखेंगे तो दाँत भी भले नजर आएँगे।

किसी भी चेहरे पर काले हो चुके मसूड़ों से जो भद्दापन दिखाई देता है उसकी पीड़ा केवल वही जान सकता है जो इस समस्या से पीड़ित है। लेकिन उनके लिए इलाज मौजूद है। कॉस्मेटिक गम सर्जरी यानी मसूड़ों की कॉस्मेटिक सर्जरी से इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
  काले मसूड़े एक आम समस्या है जिससे लोग परेशान रहते हैं। न तो मुँह खोलकर हँस सकते हैं और न चार लोगों की महफिल में ठहाके लगा सकते हैं। सुंदर दंत पंक्ति एवं स्वस्थ गुलाबी मसूड़े किसी के भी व्यक्तित्व में चार चाँद लगा सकते हैं।      
कई मरीजों के मसूड़े काले पड़ जाते हैं। ऐसे मरीजों की जिंजाइवा की केरेटीनाइज्ड लेयर में काले पिगमेंट उत्पन्न करने वाली मिलेनोसाइट्स सेल होती है जिसके कारण मसूड़े गुलाबी के स्थान पर काले दिखाई देते हैं। ऐसे सेलों को दो तरीके से हटाया जा सकता है।

* सर्जरी से * लेजर से इन दोनों विधियों से जिंजाइवा का सामान्य गुलाबी रंग पुनः हासिल किया जा सकता है।

मसूड़ों की एक और विकट समस्या है उनका लगातार क्षरण होकर दाँतों की जड़ों का खिसकते जाना। इससे दाँत अपनी ज़ड़ें छोड़ देते हैं और कमजोर होकर गिर जाते हैं। दाँतों के स्वस्थ रहने के लिए मसूड़ों का स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है। जिन मरीजों के मसूड़े जड़ों की तरफ खिसक जाते हैं उनके दाँत अनाकर्षक रूप से लंबे एवं भद्दे दिखाई देते हैं।

मसूड़ों के ज़ड़ें छोड़ने के कई कारण हैं लेकिन उनमें प्रमुख हैं दाँतों के स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही और ब्रश करने की खराब तकनीक। इसके अलावा मसूड़ों में होने वाली आम बीमारी भी इसके लिए जिम्मेदार है। जिंजाइवा का लाल होना या फूल जाना भी मसूड़ों की एक आम समस्या है। इसे जिंजिवाइटिस कहा जाता है। ऐसे मसूड़ों में से ब्रश करते ही खून निकलने लगता है।

इसका इलाज है दाँतों और मसूड़ों की सफाई तथा जिंजिविक्टॉमी सर्जरी यानी मसूड़ों की सर्जरी। मसूड़ों की एक अन्य बीमारी है पायरिया जिसके कारण दाँत न केवल जड़ छोड़ देते हैं बल्कि मरीज के मुँह से बहुत बुरी दुर्गंध आती है। इसके साथ मवाद भी रिसने लगता है। जिससे मरीज के नजदीकी रिश्तेदार तक घबरा जाते हैं। पायरिया के कारण जबड़े की हड्डियाँ गलने लगती हैं जिससे दाँत हिलने लगते हैं तथा मरीज अल्प समय में ही दाँतों से हाथ धो बैठता है। इसका पहला इलाज दाँतों की सफाई है क्योंकि प्लॉक और सीमेंटेशन के कारण मसूड़े सड़ने लगते हैं।

पायरिया को फ्लैप सर्जरी एवं बोन ग्राफ्टिंग से भी हमेशा के लिए पूर्णतः ठीक किया जा सकता है। हिलते हुए दाँतों को ऐस्थेटिक स्प्लिंट लगाकर मजबूती प्रदान की जाती है। ऐसे मसूड़ों को कोरोनली पोजिशंड फ्लैप सर्जरी तथा लेटरली पोजिशंड फ्लैप सर्जरी और सॉफ्ट टिश्यू ग्राफ्टिंग सर्जरी से ठीक किया जा सकता है।