गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. सेहत
  3. हेल्थ टिप्स
  4. keeda jadi mushroom Khane ke fayade
Written By
Last Updated : गुरुवार, 28 सितम्बर 2023 (18:12 IST)

हिमालय की गोद में उगने वाले कीड़ा जड़ी मशरूम खाने के फायदे

हिमालय की गोद में उगने वाले कीड़ा जड़ी मशरूम खाने के फायदे - keeda jadi mushroom Khane ke fayade
Cordyceps Militaris Mushroom: हिमालय में कई ऐसी दुर्लभ जड़ी बूटियां पाई जाती हैं जिनके सेवन से कई तरह के गंभीर रोग भी दूर हो जाते हैं। इन्हीं में से एक है कीड़ा जड़ी मशरूम। इसे कार्टिसेप्स मशरूम भी कहते हैं। यह बहुत महंगी होती है। इसे यारशागुंबा मशरूम भी कहते हैं। आओ जानते हैं कि इसे खाने के क्या है फायदे।
 
दुनिया के कई देशों में हिमालयन वियाग्रा के नाम से मशहूर कीड़ाजड़ी को सेक्सवर्धक होने के साथ-साथ ट्यूमर, टीबी, गुर्दा, दमा, कैंसर और हेपेटाइटिस जैसी जानलेवा बीमारियों का इलाज माना जाता है। कीड़ा जड़ी या यारशागुंबा जंगली मशरूम है। इसमें औषधीय गुणों के साथ-साथ शक्तिवर्धक गुणों की भरमार है। इसी की कारण दुनियाभर के कई खिलाड़ी और पहलवान कीड़ा जड़ी मशरूम को खाकर अपनी सेहत बनाते हैं।
 
हालांकि इस बूटी को लेकर किए जा रहे सभी दावों की जांच नहीं हुई है और उन पर वैज्ञानिक शोध चल ही रहा है। फिर भी इस बूटी ने दुनियाभर में करीब 1,000 करोड़ अमेरिकी डॉलर यानी कोई 70,000 करोड़ रुपए का सालाना बाजार खड़ा कर लिया है।
 
कीड़ाजड़ी (यारसा गुम्बा) में एक फफूंद एक कीड़े पर हमला करता है और परजीवी की तरह उसका शोषण करता है। फफूंद और कीड़े का यही संयोग एक अद्भुत बूटी तैयार करता है जिसे उत्तराखंड के गांवों में यारसा गुम्बा या कीड़ाजड़ी के नाम से जाना जाता है।
 
भारत के पश्चिमी और मध्य हिमालयी क्षेत्र के अलावा यारसा गुम्बा तिब्बत, नेपाल और भूटान के इलाके में पाया जाता है। भारत में इसके खरीदार नहीं हैं लेकिन दुनिया के दूसरे देशों खासतौर से चीन, सिंगापुर, ताईवान, इंडोनेशिया और अमेरिका जैसे देशों में इसकी काफी मांग है। पिछले करीब 2 दशकों में इसकी बढ़ती मांग की वजह से कीड़ाजड़ी की कीमत सातवें आसमान पर पहुंच गई है।
 
साल 2003 तक करीब 20,000 रुपए प्रति किलो में मिलने वाली कीड़ाजड़ी की कीमत आज 7 से 10 लाख रुपए प्रति किलो पहुंच गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कारोबारियों को इसकी कीमत 40 से 50 लाख रुपए प्रति किलो तक मिल जाती है। 
ये भी पढ़ें
एल्युमीनियम फॉयल पेपर में लपेटकर रोटी रखना सुरक्षित है या नुकसानदायक?