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कोरोना की तीसरी लहर : बच्चों के संक्रमित होने का डर, क्या हैं 8 लक्षण

कोरोना की तीसरी लहर :  बच्चों के संक्रमित होने का डर, क्या हैं 8 लक्षण - how to take care of children during third wave of covid-19 and symptoms
कोरोना संक्रमण की दर अब घटने लगी है। यह वायरस की दूसरी लहर थी जिसका सबसे अधिक प्रभाव युवा और वयस्क लोगों पर देखा गया था। वहीं अब तीसरी लहर की संभावना जताई जा रही है। इसमें सबसे अधिक खतरा बच्चों को हो सकता है। हालांकि बच्चों में संक्रमण के केस अभी से आने लगे हैं। मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र में कोविड-19 से संक्रमित बच्चे पाए जा रहे हैं। इसी के मद्देनज़र केंद्र सरकार ने बचाव और उपचार से संबंधित गाइडलाइन भी जारी की है। ताकि सतर्क और सचेत होकर बच्चों को बचाया जा सकें।

आइए जानते हैं कैसे बच्चों में लक्षण को पहचाने और क्या उपाय करना है -

- इन दिनों हल्के लक्षण और लक्षण विहीन संक्रमित बच्चों को होम आइसोलेशन में रखकर ही इलाज करना है। इसी के साथ सबसे कम लक्षण वाले बच्चों को किसी भी प्रकार के स्टेरॉयड, रेमडेसिवीर और फेवीपिरवीर दवा नहीं देना है। यह सभी प्रतिबंधित है। गंभीर बच्चों को डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्रिप्शन में देने पर ही यह दवा दी जाएगी।

- बच्चों में लक्षण इस तरह से पहचानें। उन्हें बुखार, खांसी, सांस लेने में परेशानी, थकावट, सूंघने और स्वाद की  क्षमता कम लगना, गले में खराश, नाक बहना, मांसपेशियों में तकलीफ होना। इन लक्षणों पर पेरेंट्स को लगातार नजर रखना है।

- अन्य बच्चों मे दस्त लगना, पेट दर्द होना, आंत संबंधित परेशानियां भी हो सकती है तो किसी में मल्टी सिस्टम इंफ्लैमेटरी सिंड्रोम भी पाया जा रहा है। यह बीमारी होने पर बच्चों की नाक बहना, खांसी होना, गले में खराश जैसे लक्षण पाए सकते हैं।

- गाइडलाइन के मुताबिक बच्चों को किसी भी प्रकार की दवा का हैवी डोज नहीं देना है। उन्हें डॉक्टर की सलाह से पेरासिटामोल अधिकतम 15 एमजी की दे सकते हैं। बच्चों को नमक के पानी के गार्गल जरूर कराएं। उन्हें खाने में तरल पदार्थ दें।

- होम आइसोलेशन में बूढ़ें लोगों को बच्चों से दूर ही रखें। बच्चों का दिन में 2-3 बार ऑक्सीजन लेवल चैक करते रहे हैं।  उनके शरीर में नीलापन नजर नहीं आएं, अधिक ठंड लगना, यूरिन की मात्रा इन लक्षणों पर भी नज़र बनाकर रखें ।

- अगर बच्चों को पहले से किसी प्रकार का रोग नहीं है तो किसी अन्य टेस्ट की आवश्यकता नहीं है।

- गाइडलाइन के मुताबिक बच्चों को टोसिलिजुमैब, रेमडेसिवीर, रिटोनावीर, लोपिनावीर, फेविपिराविर, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, डेक्सामेथासोन सहित अन्य दवा डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं देना है।

- अन्य डॉक्टर के मुताबिक जो बच्चे ठीक से अभी बोल नहीं पाते हैं उनमें भी लक्षणों की पहचान की जा सकती है। जैसे - चेहरे पर सूजन, लाल आंखे, त्वचा के रंग में बदलाव, सांस लेने में परेशानी, पेट दर्द, थकान होना, दस्त, खाना नहीं खाना, स्वाद नहीं आना ये सभी संक्रमण के लक्षण है।