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Expert Advice : कोरोना की तीसरी लहर में कैसे बढ़ाएं इम्‍युनिटी? क्या काढ़ा पीने से इम्‍युनिटी बढ़ती है?

Expert Advice : कोरोना की तीसरी लहर में कैसे बढ़ाएं इम्‍युनिटी? क्या काढ़ा पीने से इम्‍युनिटी बढ़ती है? - does kadha boost immunity how to beat corona third wave
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान इम्‍युनिटी को मजबूत करने के लिए अलग-अलग तरह के घरेलू नुस्खे अपनाएं गए थे। जिसका दूसरी लहर के दौरान लोगों ने काढ़े का धड़ल्ले से इस्तेमाल किया। लेकिन इसके बाद लोगों को कई तरह की समस्‍याओं से हाथ धोना पड़ा। जी हां, किसी को पेट में छाले हो गए, पेट खराब हो गया, पेट गर्मी हो गई, पेट में गड़बड़ हो गई थी। काढ़ा जितना फायदेमंद है लेकिन उसकी अति भी नुकसानदायक है। इसका सेवन हमेशा डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए। क्योंकि काढ़ा जड़ी बूटियों से बना होता है और जड़ी बूटियां सभी की बॉडी पर अलग-अलग तरह से रिएक्ट करती है। आइए जानते हैं आइए जानते हैं कैसे बनाएं इम्‍यूनिटी वाला काढ़ा, कैसे करें काढ़े का सेवन??  

काढ़ा कैसे बनाएं?

आयुर्वेदिक काढ़ा कैसे बनाएं घर पर, कितना है फायदेमंद

किसी भी रोग से लड़ने के लिए हमारी प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना बेहद जरूरी होता है। इस वक्त कोरोना वायरस से पूरा विश्व परेशान है। हर तरफ सिर्फ इस वायरस से कैसे निजात पाई जा सकती है, इसको लेकर कार्य किए जा रहे हैं। वहीं इस वायरस से निपटने के लिए इम्यून सिस्टम को मजबूत करने पर भी जोर दिया जा रहा है। हर व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहे, इसके लिए काढ़े का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके साथ ही इस काढ़े से सर्दी, खांसी व गले में दर्द जैसी समस्या से भी निजात पाई जा सकती है।

वहीं मध्यप्रदेश सरकार भी लोगों के इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए काढ़े को वितरित कर रही है जिसके सेवन से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी, साथ ही रोगों से लड़ने में मदद मिलेगी। आखिर इस काढ़े से क्या फायदा हो सकता है? इसे कैसे तैयार किया जा सकता है? और डाइट में इसे कैसे शामिल करना है? इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए हमने बात की डायटिशियन पायल परिहार से और जाना स्वास्थ्य के लिए कितना लाभदायक है काढ़ा?

डायटिशियन पायल परिहार (Dietitian and diabetes educator) आइए जानते हैं एक्सपर्ट एडवाइस सबसे पहले जानते हैं कि काढ़े के लिए किन चीजों की आवश्यकता है?

पीपल, सोंठ, काली मिर्च, तुलसी के पत्ते और 1 लीटर पानी

कैसे बनाएं काढ़ा?

पीपल, सोंठ एवं कालीमिर्च को समान मात्रा में मिलाकर तथा कूटकर तैयार किए गए त्रिकटु चूर्ण को 3-4 तुलसी के पत्तों के साथ 1 लीटर पानी में उबालें। जब पानी आधा रह जाए, तब लगभग 1-1 कप गुनगुना काढ़ा दिन में 3 से 4 बार पिएं।

कितना है फायदेमंद जानिए -

डाइटिशियन परिहार बताती हैं कि किसी भी बीमारी से निपटने के लिए इम्यून सिस्टम का मजबूत होना बहुत जरूरी है जिसमें यह काढ़ा आपकी बहुत मदद कर सकता है। इस काढ़े को तैयार करने के लिए पीपल, सोंठ व कालीमिर्च का इस्तेमाल किया गया है।

वे बताती हैं कि पीपल की छाल व पत्तों इन सभी का आयुर्वेद में बहुत लंबे समय से इस्तेमाल किया जा रहा है। अगर हम फायदे की बात करें तो इसके कई फायदे हैं जिनका आयुर्वेद में इस्तेमाल किया जाता है, जैसे पीपल का इस्तेमाल पेट के दर्द व चेहरे पर बने निशान को कम करने के लिए भी किया जाता है। साथ ही साथ इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं। पीपल में एंटीमाइक्रोबियल होते हैं, जो हमारे शरीर के अंदर जाकर माइक्रोब्स को बढ़ाने से रोकते हैं।

वहीं काली मिर्च का इस्तेमाल जहां खाने के स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है, वहीं इसके स्वास्थ्य लाभ भी बहुत हैं। काली मिर्च में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो हमारे इम्यून सिस्टम को बढ़ाने में हमारी मदद करते हैं। यह हाई एंटीऑक्सीडेंट का एक अच्छा स्रोत है, वहीं गले में खराश की समस्या, गले में दर्द होना, टॉन्सिल्स जैसी समस्या से निजात पाने के लिए काली मिर्च का इस्तेमाल किया जाता है। काली मिर्च का पाउडर सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है इसलिए काढ़े में काली मिर्च का इस्तेमाल किया गया है।

इसके साथ ही सोंठ की बात करें तो अदरक को अच्छी तरह से सूखने पर यह सोंठ बन जाती है। सोंठ का भी इस्तेमाल इस काढ़े में किया गया है। इसमें भी एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। एंटीमाइक्रोबियल थेरेपी उसे कहा जा सकता है।

इन सभी को मिलाकर काढ़े को तैयार करने पर यह स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद हो जाता है। काली मिर्च, पीपल, सोंठ में Vitamin K पाया जाता है और हमारे स्वास्थ्य के लिए Vitamin K लाभदायक है। लेकिन जरूरी बात यह है कि बहुत अधिक मात्रा में भी Vitamin K का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इन सभी का इस्तेमाल बहुत अधिक मात्रा में करने से भी यह नुकसान पहुंचा सकता है इसलिए सही मात्रा में लेना आवश्यक है।

तुलसी का महत्व न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से है बल्कि सेहत की दृष्टि से भी इसकी खासी उपयोगिता है। तुलसी में कई चिकित्सकीय विशेषताएं हैं। तुलसी एक जानी-मानी औषधि भी है जिसका इस्तेमाल कई बीमारियों में किया जाता है।

वहीं इस काढ़े को आप दिन में 3 से 4 बार पी सकते हैं। इसके अलावा आप हल्के गर्म पानी में दालचीनी को डालकर रखें और इसके पानी को दिनभर पीते रहें। इसके इस्तेमाल से भी गले के दर्द से आपको निजात मिलेगी।

डॉ रवि दोसी, कोविड स्‍पेशलिस्‍ट ने बताया कि, 'चाहे घरेलू उपाय हो, आयुर्वेदिक उपाय हो या एलोपैथिक दवा। सभी का एक ही मकसद है कि आपकी नेचुरल इम्‍यूनिटी बूस्‍ट हो। सालों से एक बात सर्वविधित है आप मौसमी फल और सब्जियों का सेवन करें। और सबसे अधिक जरूरी है अच्‍छा भोजन करें और पूरी नींद लें। इन तीन चीजों का पालन करें। तो किसी भी तरह से आपकी इम्‍युनिटी कम नहीं होगी। और आप आसानी से संक्रमण को हरा देंगे।  

डॉ. एके द्विवेदी ने बताया कि, 'अगर जिसने आपको काढ़े की सलाह दी है तो यह भी जानें की किस तरह और कितना काढ़ा पीए। 'अति सर्वत्र वर्जयेत' लोगों को काढ़े की सलाह दी गई तो वे काढ़ा पीते रहे और गर्म पानी की सलाह दी तो वे गरम पानी पीते रहे। ऐसा नहीं करें। डॉक्टर जितने डोज बताता है उतना ही सेवन करें। इम्‍यूनिटी बूस्‍ट करने के लिए सबसे अच्‍छा तरीका है मौसमी फलों का सेवन करें। मौसमी सब्जियों का सेवन करें। आंवला, गाजर, पालक, टमाटर का सेवन करें। आयरन के लिए गुड़ का सेवन करें। प्रोटीन के लिए ड्राई फ्रूट का सेवन करें।

आयुष मंत्रालय की सलाह

दरअसल, सभी को यह लगता है कि काढ़ा पीने से कोविड संक्रमित व्यक्ति ठीक हो जाता है लेकिन काढ़ा आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, न कि कोरोना पॉजिटिव को कोरोना निगेटिव करेगा। आयुष मंत्रालय भी बता चुका है कि काढ़ा एक तरह का इम्यूनिटी बूस्टर है। इसका सेवन करने से इम्‍यूनिटी बूस्‍ट होती है। हालांकि विशेषज्ञों के मुताबिक यह बीमारी से जल्दी उबरने में मदद कर सकता है, लेकिन यह कोविड के इलाज का नहीं है। रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए काढ़े का सेवन सभी को करना चाहिए।

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए काढ़े का दिन में एक या दो बार सेवन करने की सलाह दी गई। काढ़े का सेवन 50 मि.ली से ज्यादा नहीं करना चाहिए। आप काढ़ा पकाने के लिए 100 मिलीलीटर पानी रखें और वह 50 मिलीलीटर हो जाएगा। बस उसे उतना ही पकाना है।

काढ़े के नुकसान -

- नाक से खून आना।
- खट्टी डकार आना।
- एसिडिटी, मुंह में छाले होना और यूरिन में परेशानी भी हो सकती है।

तो इस तरह तीसरी लहर में काढ़े का सेवन हद से अधिक नहीं करें। अत्यधिक सेवन से काढ़े के दुष्परिणाम भी है।

 
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