डेंगू और वायरल फीवर दोनों हैं अलग-अलग, इन लक्षणों से पहचानें
बरसात के मौसम में एक साथ कई तरह की बीमारियां उत्पन्न होती है। इन दिनों कोरोना का खतरा होने से वायरल से भी डर लगने लगा है। जी हां, इन दिनों डेंगू और वायरल के मरीजों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। सबसे पहले डेंगू के मरीज यूपी में मिले इसके बाद दिल्ली और अब मप्र में भी मिलने लगे हैं। ऐसे में लोगों के लिए डेंगू और वायरल में अंतर करना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। तो आइए जानते हैं डेंगू और वायरल में कैसे करें पहचान? ताकि सही समय पर उपचार मिल सके -
वायरल कैसे होता है?
वायरल बुखार में इंसान को 3 से 5 दिन तक बुखार रहता है। ठंडी हवा से कपकपी लगकर बुखार आता है और शरीर में दर्द बना रहता है। वायरल बुखार 3 से 5 दिन बाद ठीक होने लगता है। वायरल संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से और हवा के माध्यम से फैलता है।
वायरल के लक्षण ?
- तेज बुखार आना।
- बदन दर्द होना।
- आंखों में जलन होना।
- बदन गर्म होना।
- ठंड लगना।
- गले में दर्द।
- नाक बहना।
वायरल से बचाव के उपचार ?
- फ्रूट्स खाते रहें।
- पानी की कमी नहीं होने दें।
- सभी मेडिसिन दूध से लें।
- ठंडे पानी की पटि्टयों को सिर पर रखते रहें।
डेंगू कैसे होता है?
दरअसल, डेंगू की बीमारी मानसून सीजन में सबसे अधिक होती है। यह एडीज इजिप्टी नामक मच्छर से फैलता है, जो मुख्य रूप से पानी से पैदा होते हैं। डेंगू गंदे और स्वच्छ पानी दोनों जगह पर अधिक से अधिक पनपते हैं। इससे बचाव करना बहुत जरूरी होता है। यह दोपहर के वक्त काटते हैं।
डेंगू के लक्षण?
- तेज बुखार।
- पूरी बॉडी में दर्द होना।
- मांसपेशियों में दर्द होना।
- शरीर पर लाल रंग के चकत्ते होना।
- भूख-प्यास नहीं लगना।
- प्लेटलेट्स कम होना।
डेंगू का टेस्ट भी होता है। एक्सपर्ट के मुताबिक रिपोर्ट पहली बार में पॉजिटिव नहीं आती है। 2-3 दिन बाद भी बुखार नहीं उतरता है तो फिर से टेस्ट कराना चाहिए। डेंगू और वायरल में फर्क करने के लिए हीमोग्राम टेस्ट होता है। साथ ही NS1 एंटीजन टेस्ट किया जाता है। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर डेंगू होता है।
डेंगू से बचाव के उपचार
- नारियल पानी का सेवन करते रहे।
- पपीता का जूस पिएं।
- बॉडी को हाइड्रेट रखें।
- खून की कमी नहीं होने दें।
- घर के आसपास या अंदर जरा भी नमी और पानी जमा नहीं हो।
- पानी के आसपास डेंगू के मच्छर तेजी से पनपते हैं।