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ब्रेस्ट कैंसर: कितना खतरनाक है और कैसे बचें इस जानलेवा बीमारी से

ब्रेस्ट कैंसर: कितना खतरनाक है और कैसे बचें इस जानलेवा बीमारी से - BREAST CANCER PRECAUTIONS
 
ब्रेस्ट कैंसर, यह बीमारी खतरनाक तो है लेकिन अन्य अंगों की तुलना में होने वाले कैंसर से फिर भी बेहतर है क्योंकि इसमें आप कैंसर ग्रस्त अंग को निकाल कर बाहर कर फिर से स्वस्थ जीवनशैली को अपना सकते हैं जबकि अन्य अंगों के कैंसर को निकालना मुश्किल होता है। 
 
यह कहना है कैंसर सर्वाइवर डॉ.अंजलि सिन्हा का... अंजलि की तरह ही आज कई महिलाएं हैं जो ब्रेस्ट कैंसर से लड़कर स्वस्थ हो रही हैं। डॉ. अंजलि के अनुसार- डॉक्टर होने के बावजूद, सबकुछ जानने और समझने के बावजूद नारी की संपूर्णता का प्रतीक, मेरे मातृत्व का अमृत अंग जब निकालने की बात आई तब मैं सिहर गई थी मुझे कैंसर से हो जाने का रोना इतना नहीं आया जितना मेरे नाजुक अंग के काटे जाने का लेकिन जीवन का यह फेज़ भी देखना था मैंने देखा और मुझे लगा कि मैं बेकार ही इतना परेशान थी, मेरे पति, मेरे बच्चों ने जिस तरह से मुझे संपूर्णता दी वह जिंदगी को खूबसूरत नजरिये से देखने के लिए काफी है...उन्होंने मुझे हौसला दिया कि आपकी जिंदगी का होना ज्यादा महत्व रखता है कोई फर्क नहीं है अगर उसमें शारीरिक रूप से कुछ कम है....आज मैं वही हूं, मेरा आत्मविश्वास भी वही है, और सबसे बड़ी बात कि मैं स्तन कैंसर की मरीजों को परामर्श देती हूं। उन्हें सारे कॉम्प्लिकेंशंस समझाती हूं। सर्जरी के बाद की बातें भी बताती हूं... 
सर्जरी के बाद हो सकती हैं समस्याएं
सर्जरी कराने के बाद कुछ सामान्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जैसे
स्तनों में दर्द होना
स्तनों से ब्लीडिंग होना
सर्जरी की गई स्तन की त्वचा पर घाव या इंफेक्शन होना
स्तन पर निशान होना
स्तनों में खून के थक्के जमना
असामान्य समस्याएं
इसके अलावा कुछ ऐसी समस्याएं भी हो सकती हैं, जो आम नहीं हैं। ब्रेस्ट रिडक्शन सर्जरी के बाद ऐसी समस्या होने पर आपको गंभीरता से लेना होगा और डॉक्टर से संपर्क करना होगा। ये समस्याएं हैं :
 
स्तन के अंदर गांठ होना
स्तन के अंदर सूजन होना
स्तन में दर्द होना या स्तन सुन्न होना
स्तन की त्वचा या निपल्स की त्वचा को नुकसान होना
कंधों में जकड़न
ब्रेस्टफीडिंग कराने में परेशानी होना
सावधानियां 
अगर आपकी उम्र 40 से 44 साल है, तो आपको प्रत्येक वर्ष मेमोग्राफी करवाना चाहिए। डॉक्टर से ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी बीमारी की जानकारी लें। अगर आपके ब्लड रिलेशन में या आपकी मां को ब्रेस्ट कैंसर है या हुआ था तो इसकी जानकारी डॉक्टर को दें।
 
अगर आपकी उम्र 45 से ज्यादा है और 55 से कम है तो आपको हर साल मेमोग्राफी करवाना चाहिए।
 
अगर आपकी उम्र 55 साल या इससे ज्यादा है तो मेमोग्रफी के साथ-साथ डॉक्टर द्वारा बताये गए चेकअप करवाते रहना चाहिए।
 
बढ़ती उम्र के साथ-साथ किसी भी उम्र में अगर आपको स्तन से जुड़ी कोई परेशानी महसूस होती है तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि ब्रेस्ट कैंसर की जानकारी अगर जल्दी मिल जाती है, तो इससे लड़ा जा सकता है और बचा जा सकता है।
ब्रेस्ट कैंसर के खतरे 
Breast cancer risk में शामिल है महिला की उम्र। अगर महिला की उम्र 60 या इससे ज्यादा है तो ब्रेस्ट कैंसर
की संभावना बनी रहती है।
 
ब्रेस्ट कैंसर के खतरे (Breast cancer risk) मेनोपॉज की स्थिति में भी हो सकती है। इसलिए 55 साल या इससे ज्यादा उम्र में मेनोपॉज होने की वजह से ब्रेस्ट कैंसर की संभावना बनी रहती है।
 
पहले शिशु का जन्म 35 साल की उम्र के बाद होने के कारण महिला को ब्रेस्ट कैंसर के खतरे (Breast cancer risk) हो सकते हैं।
 
अगर महिला गर्भवती न हुई हो, तो ऐसी स्थिति में भी ब्रेस्ट कैंसर के खतरे (Breast cancer risk) हो सकते हैं।
 
महिला की हाइट 5 फिट 8 इंच से ज्यादा होने की स्थिति में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बना रहता है।
 
किसी भी महिला को 18 से 20 वर्ष के बाद अपने स्तनों की जांच खुद (ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन (BSE)) से करनी चाहिए। ध्यान रखें की स्तन में होने वाले गांठ हमेशा कैंसर ही नहीं होते हैं। लेकिन, स्तन या शरीर के किसी भी हिस्से में हो रही परेशानी को नजर अंदाज नहीं करें और जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें। 
 
स्तन कैंसर क्या है 
स्तन कैंसर अधिकतर महिलाओं में देखा जाने वाला रोग है और कभी-कभी यह पुरुषों में भी हो सकता है। शरीर के किसी अंग में होने वाली कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्ध‍ि कैंसर का प्रमुख कारण होती है। शरीर की आवश्यकता अनुसार यह कोशि‍काएं बंट जाती है, लेकिन जब यह लगातार वृद्धि करती हैं तो कैंसर का रूप ले लेती हैं। इसी प्रकार स्तन कोशिकाओं में होने वाली अनियंत्रित वृद्ध‍ि, स्तन कैंसर का मुख्य कारण है। 
 
कोशिकाओं में होने वाली लगातार वृद्धि एकत्र होकर गांठ का रूप ले लेती है, जिसे कैंसर ट्यूमर कहते हैं। स्तन कैंसर होने पर पहले या दूसरे चरण में ही इसका पता चल जाने से सही समय पर इसका इलाज संभव है। लेकिन इस बारे में पता चलना भी आपकी जागरूकता पर निर्भर करता है। यदि आप स्तन कैंसर के प्रति जागरूक हैं, तो इसके लक्षणों को पहचानकर आप इसका इलाज सही समय पर करवा सकते हैं। 
 
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