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Written By वार्ता

हरी चाय, सिगरेट की लत छुड़ाए

हेल्थ टिप्स
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हरी चाय के गुणकारी तत्वों पर हुए नए शोधों से पता चला है कि यह धूम्रपान करने वाले लोगों के लिए भी खासी लाभदायक है और इसके सेवन से धूम्रपान करने की लत धीरे-धीरे छूटती जाती है।

मालाबार कैंसर सेंटर के सामुदायिक ओंकोलाजी विभाग के प्राध्यापक फ्लिप ने बताया - चीन में हुए एक नए शोध से पता चलता है कि हरी चाय में पाया जाने वाला एल थियानिन नामक अमीनो एसिड तनाव से मुक्ति दिलाने में अत्यंत कारगर है। डॉ. फ्लिप ने कहा कि धूम्रपान करने की तलब लगने पर अगर कोई व्यक्ति हरी चाय का सेवन करता है तो उससे भी उसे वैसी ही राहत का अहसास होता है जैसा सिगरेट या बीड़ी पीने से होता है1

कोचीन के कैंसर विशेषज्ञ डॉ. थामस वर्गीज ने कहा कि धूम्रपान छोडने के बाद हरी चाय का सेवन फेफड़ों को पहुंचे नुकसान से उबरने में मदद करता है और इससे फेफड़ों का कैंसर होने की आशंका भी कम हो जाती है1 उन्होंने बताया कि धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों की प्रतिरोधक क्षमता भी बेहद कम हो जाती है और उनमें विटामीन सी और ई, कैल्शियम, फ्लोट, ओमेगा.03 फैटी एसिड इत्यादि का भी अभाव हो जाने से कैंसर होने की अधिक आशंका रहती है1 हरी चाय में मौजूद एंटी आक्सीडेंट शरीर के आक्सीडेंट-एंटी आक्सीडेंट संतुलन को बनाए रखने में कारगर रहते हैं1

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साइंस चाइना लाइफ् साइंसेज नामक इस जर्नल में प्रकाशित हुए इस शोध में दो चिकित्सकीय परीक्षणों को आधार बनाकर हरी चाय के गुणकारी प्रभावों की जानकारी दी गई1 पहले परीक्षण में 70 स्वस्थ धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों को हरी चाय के अवयवों से तैयार सिगरेट का सेवन करने को कहा गया1

लगभग दो महीनों तक हरी चाय के अवयवों का सेवन करने के बाद इन व्यक्तियों की सिगरेट पीने की लत में 43.5 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई और 31.7 फीसदी लोगों ने सिगरेट पीना तक छोड़ दिया।

दूसरे परीक्षण में उन 59 लोगों को चुना गया जो लंबे वक्त से सिगरेट पी रहे थे और उन्हें धूम्रपान करने की अधिक तलब महसूस होती थी1 परीक्षण के पहले महीने के अंदर इनकी सिगरेट पीने की लत में 48 फीसदी दूसरे महीने में 83 फीसदी और तीसरे महीने में 91 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई1

इंग्लैंड और स्पेन में हुए अन्य शोधों में बताया गया है कि हरी चाय में पाया जाने वाला यौगिक 'ईजीसीजी' कैंसर के उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवा 'मैथोट्रेक्सेट' से काफी समानता रखता है और कैंसर कोशिकाओं की बढ़त पर लगाम लगा सकता है1 यह शरीर में पाए जाने वाले एंजाइम 'डिहाइड्रोफ्लोएट रेड्यूक्टेस' के साथ मिलकर कैंसर कोशिकाओं की बढ़त पर लगाम लगाता है।