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Written By नृपेंद्र गुप्ता
Last Updated : मंगलवार, 8 नवंबर 2022 (14:14 IST)

वेबदुनिया ने टटोला मतदाताओं का मन, क्या कहते हैं गुजरात के वोटर्स?

वेबदुनिया ने टटोला मतदाताओं का मन, क्या कहते हैं गुजरात के वोटर्स? - voters of gujrat on election
गांधीनगर। गुजरात चुनाव के लिए भाजपा, कांग्रेस और आप तीनों ही दल कमर कस चुके हैं। मतदाताओं को लुभाने के लिए तीनों ही दलों ने खास तैयारियां की हैं। भाजपा और आप जहां आक्रामक ढंग से चुनाव प्रचार कर रहे हैं तो कांग्रेस भी दबे पांव वोटर्स को साधने का भरपूर प्रयास कर रही है। राजनीतिक दलों की चुनावी तैयारियों से दूर मतदाताओं की चुनाव के प्रति बेरुखी इस बात के संकेत दे रही है कि उन्होंने पहले ही मन बना लिया है कि वोट किसे देना है।
 
नए वर्ष की छुट्टियों में आचार संहिता की घोषणा के बाद भी गुजरातियों में चुनाव का कुछ खास उत्साह नजर नहीं आ रहा है। सभी उम्मीदवारों की घोषणा नहीं होने से राजनीतिक दलों का प्रचार अभी पूरी तरह परवान नहीं चढ़ पाया है।  
 
गुजरात में गुजरातियों के साथ ही बड़ी संख्या में बिहार, यूपी, एमपी, राजस्थान और अन्य राज्यों से आए लोग भी रहते हैं। यह लोग भी गुजरात चुनाव में वोट डालते हैं। इन लोगों की अपनी समस्याएं हैं। लेकिन इन लोगों की अपनी व्यस्तताएं भी हैं। यह लोग वोट तो डालते हैं, लेकिन यहां की राजनीति में ज्यादा दिलचस्पी नहीं रखते। हालांकि तमाम व्यस्तताओं के बीच ये लोग वोट डालने का मौका नहीं चूकते।
 
वडोदरा के रहने वाले जीतेंद्र प्रजापति ने कहा कि आचार संहिता लग गई है, लेकिन अभी माहौल नहीं बना है। भाजपा, कांग्रेस और आप तीनों ही दल के लोग कैंपेनिंग में लगे हैं। लोगों का रुझान अभी तो भाजपा के साथ लग रहा है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि पब्लिक कब पलटी मार जाए, कुछ कह नहीं सकते। राजनीतिक दल प्रचार में कितना भी जोर लगा लें, वोट देने में तो लोग मन की ही करेंगे। 
 
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी का भी प्रचार जोरों से चल रहा है, लेकिन लोगों पर पार्टी का प्रभाव उतना नहीं है। उन्होंने बताया कि वडोदरा में लोग ईसुदान गढ़वी के बारे में जानते तो हैं, लेकिन गढ़वी का प्रभाव सौराष्‍ट्र में ही ज्यादा है।

मध्यप्रदेश के इंदौर से आणंद जाकर रह रहे मनीष जैन ने बताया कि चुनाव प्रचार में लोगों की दिलचस्पी नहीं के बराबर है। उन्होंने कहा कि यहां कोई मुद्दा नहीं, कोई माहौल नहीं है। सब शांतिपूर्ण चल रहा है। चुनाव कब हो जाएगा पता ही नहीं चलेगा। लोगों को पता है कि किसे वोट देना है। सबकी मेंटेलिटी बनी हुई है। उनसे जब आप के सीएम पद के उम्मीदवार ईसुदान गढ़वी के बारे में सवाल किया उन्होंने पलटकर सवाल किया कि यह कौन है?
 
बहरहाल ऐसा प्रतीत होता है कि भले ही पार्टियों को उम्मीदवारों के नाम तय करने में समय लग रहा हो लेकिन आम मतदाना तो मन ही मन तय कर चुके हैं कि वोट किसे देना है? 
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