जनरल नॉलेज : जानिए ग्रेट रीड वार्ब्लर के बारे में
रीड वार्ब्लर : छोटा-सा खूबसूरत पक्षी
ग्रेट रीड वार्ब्लर भूरे रंग की बड़ी फुदकी है, जिसे पोदेना भी कहा जाता है। इसके पेट का निचला हिस्सा नारंगीपन लिए भूरा और गला सफेद होता है। यह बहुत शोर मचाने वाली चिड़िया है। 7 इंच की इस चिड़िया के नर और मादा एक जैसे होते हैं। इसके शरीर का ऊपरी भाग भूरा और नीचे का हिस्सा नारंगीपन लिए भूरा रहता है, जो दुम के नीचे जाते-जाते हल्का हो जाता है। आंख के ऊपर एक हल्की भूरी रेखा रहती है। चोटी और गला सफेद रहता है। आंख की पुतली बादामी, चोंच भूरी और टांगें गाढ़ी स्लेटी रंग की होती है।ग्रेट रीड वार्ब्लर भारत में जाड़े के मौसम में प्रायः सभी स्थानों पर पाया जाता है। यह मौसमी पक्षी है, जो जाड़ों में पश्चिम की ओर से आकर हिमालय की तराई से दक्षिण भारत तक के सारे मैदानों में फैल जाता है। यह घने नरकुलों में रहने वाला पक्षी है, जो पानी के आसपास की झाड़ियों और पेड़ों पर भी रह लेता है। यह बहुत बोलने वाला पक्षी है, जो घने स्थानों पर छिपा रहने के बावजूद निरंतर बोली के कारण अपनी उपस्थिति का पता दे देता है। वैसे तो यह झाड़ी में ही घुसा रहता है, लेकिन थोड़ी-थोड़ी देर में पानी के निकट के पेड़ों पर जा बैठता है और वहां भी बोलता ही रहता है। इसकी बोली न तो मीठी कही जा सकती है और न ही कर्कश।ग्रेट रीड वार्ब्लर का मुख्य भोजन पानी के कीड़े-मकोड़े, छोटे घोंघे और पानी में उगने वाले पेड़ों के बीज हैं। यह अपना घोंसला गहरा कटोरेनुमा बनाता है। मादा एक बार में 3-4अंडे देती है, जो हल्के अंगूरी रंग के होते हैं। अंडों पर स्लेटी, काली, बैंगनी चित्तियां और धब्बे रहते हैं। ब्लिथ्स रीड वार्ब्लर इसी से मिलता-जुलता पक्षी ब्लिथ्स रीड वार्ब्लर है, जिसे छोटा पोदेना कहा जाता है। यह सिर्फ आकार में यह थोड़ा छोटा होता है। ब्लिथ्स रीड वार्ब्लर हमारे देश में बाहर से आने वाला पक्षी है, जो हमारे यहां उत्तर की ओर से हिमालय को लांघकर जाड़े में सारे देश में फैल जाता है। यह घने जंगलों को छोड़कर सब तरह की झाड़ियों वाले मैदानों में रहना पसंद करता है। झाड़ियों में इधर-उधर फुदककर कीड़े-पतंगों को पकड़ता रहता है, जो कि इसका मुख्य भोजन है। वैसे यह चर्र-चर्र की कर्कश बोली बोलता है, लेकिन कभी-कभी इसकी मीठी बोली भी सुनाई देती है। इसके घोंसले गहरे प्यालेनुमा होते हैं, जिन्हें यह नरम घास और डंठलों से बनाता है। इनके भीतर परों और बालों का अस्तर भी दिया रहता है। मादा प्रायः 4-5 अंडे देती है, जिनका रंग नीलापन या हरापन लिए होता है।