रविवार, 21 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. नन्ही दुनिया
  3. क्या तुम जानते हो?
  4. Anti Terrorism Day 2021 May 21st
Written By

Anti Terrorism Day 2021 : क्यों मनाया जाता है आतंकवाद विरोधी दिवस?

Anti Terrorism Day 2021 : क्यों मनाया जाता है आतंकवाद विरोधी दिवस? - Anti Terrorism Day 2021 May 21st
anti terrorism day
 
हर साल 21 मई को आतंकवाद विरोधी दिवस मनाया है। इसी दिन यानी 21 मई 1991 को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तमिलनाडु के श्रीपेरुंबुदूर में लिट्‍टे आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी।
 
उस वक्त राजीव गांधी चुनाव प्रचार के सिलसिले में श्रीपेरुंबुदूर गए हुए थे। वे वहां एक आमसभा को संबोधित करने जा ही रहे थे कि उनका स्वागत करने के लिए रास्ते में बहुत सारे प्रशंसक उन्हें फूलों की माला पहना रहे थे। इसी दौरान लिट्टे के आतंकवादियों ने इस घटना को अंजाम दिया था। हमलावर धनु ने एक आत्मघाती विस्फोट को अंजाम दिया था जिसमें राजीव गांधी की मौत हो गई थी। इस हमले में 2 दर्जन से ज्यादा अन्य लोगों की भी मौत हुई थी।
 
तभी से स्वर्गीय राजीव गांधी के सम्मान में और उनको श्रद्धांजलि देने के लिए 21 मई का दिन आतंकवाद विरोधी दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
 
आतंकवाद विरोधी दिवस मनाने का उद्देश्य राष्ट्रीय हितों पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों, आतंकवाद के कारण आम जनता को हो रहीं परेशानियों, आतंकी हिंसा से दूर रखना है। इसी उद्देश्य से स्कूल-कॉलेज और वि‍श्ववि‍द्यालयों में आतंकवाद और हिं‍सा के खतरों पर परि‍चर्चा, वाद-वि‍वाद, संगोष्ठी, सेमिनार और व्याख्यान आदि का आयोजन कि‍या जाता है।
 
प्रारंभिक जीवन : राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को मुंबई (महाराष्ट्र) में हुआ था। इनकी माता का नाम इंदिरा गांधी और पिता का नाम फिरोज गांधी था। परिवार में पत्नी सोनिया गांधी और 2 संतानें राहुल व प्रियंका गांधी हैं। माता इंदिरा गांधी लंबे समय तक देश की प्रधानमंत्री रहीं।
 
राजनीतिक जीवन : देश के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण राजनीतिक परिवार से आने वाले राजीव गांधी की राजनीति में कोई विशेष रुचि नहीं थी और वे एक एयरलाइंस में पायलट की नौकरी करते थे। आपातकाल के उपरांत जब इंदिरा गांधी को सत्ता छोड़नी पड़ी थी, तब कुछ समय के लिए वे परिवार के साथ विदेश में रहने चले गए थे।
1980 में छोटे भाई संजय गांधी की एक हवाई जहाज दुर्घटना में असामयिक मृत्यु के बाद राजीव ने राजनीति में प्रवेश किया। 1981 में उत्तरप्रदेश की अमेठी सीठ से सांसद बने। 1985 से 1991 तक वे कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे।
 
1984 में प्रधानमंत्री बने : तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर 1984 को हत्या के बाद राजीव गांधी को देश का प्रधानमंत्री बनाया गया। जब इंदिराजी की हत्या हुई तो राजीव को उसी दिन प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। वे 31 अक्टूबर 1984 से 1 दिसंबर 1989 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' से भी सम्मानित किया गया।

 
ये भी पढ़ें
Motivational Quotes: कोरोना काल में याद रखेंगे गीता की ये 5 बातें, तो हिम्मत मिलेगी