विदेशों में कैसी होती हैं देवी उपासना
वसंत ऋतु का स्वागत करने के लिए माघ महिने के पांचवें दिन वसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इसी दिन देवी मां सरस्वती का जन्म हुआ था। भारत के साथ-साथ विदेशों में भी इस दिन देवी का पूजन किया जाता है। आइए जानते हैं यहां कैसी होती है देवी की पूजा.... इटली : - इटली में सौंदर्य और स्वास्थ्य विज्ञान की अधिष्ठात्री की पूजा इसी ऋतु में बागों में की जाती थी, जिन्हें फेमिना कहा जाता है। रोम : - रोम में अग्नि की देवी वेस्ता पाक को विद्या की देवी का दर्जा भी प्राप्त है। ऐसी मान्यता है कि वेस्ता पाक के कारण ही व्यक्ति विद्यार्जन करता है।
मिस्र : - मिस्र में ज्ञान और प्रज्ञा की देवी के रूप में सरस्वती की पूजा होती है। मिस्र की सभ्यता विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है। ब्रिटेन : - ब्रिटेन में सेल्टिक देवी को ज्ञान की देवी माना गया है। आयरलैंड और वेल्स में सेल्टिक समुदाय बड़े पैमाने पर मौजूद है। ऑस्ट्रेलिया : - ऑस्ट्रेलिया में जार इडो वेन्स को ज्ञान की देवी माना गया है। इस देवी को विभिन्न शक्तियों का वरदान भी प्राप्त होता है।
चीन : - प्राचीन चीन में बहुरंगी कला की देवी नील सरस्वती की उपासना यहां के निवासी करते हैं। यह परंपरा पिछले कई वर्षों से जारी है।यूरोप : - यूरोप में सरस्वती पूजन जैतून के वृक्ष की पूजा के साथ किया जाता है। यूनान : - यूनान में कवि होमर ने सात प्रकार की सरस्वती का उल्लेख किया है। एथेंस में संगीत की देवी म्यूज की आराधना होती है।